ओड़िशा में खाद्य सुरक्षा कानून के मामले में कांग्रेस व भाजपा न्यायालय जा सकते हैं

भुवनेश्रर  10 जनवरी।  ओड़िशा  में कार्यान्वित हो रहे खाद्य सुरक्षा कानून के  उल्लंघन होने को लेकर विपक्षी पार्टिय़ां कांग्रेस व भाजपा न्यायालय के शरण में जा सकते हैं । इन पार्टियों द्वारा हाइकोर्ट में जनहित मामला  शीघ्र  दायर करने पर विचार किया जा रहा है । कांग्रेस व भाजपा नेताओं ने रविवार को यह संकेत दिया । उधर बीजद ने विपक्षी पार्टियों द्वारा कानून के उल्लंघन होने की आरोपों को आधारहीन बताया  है ।

कांग्रेस के मुख्य सचेतक तारा प्रसाद बाहिनीपति ने बताया कि खाद्य सुरक्षा कानून में फूड कमिशन व जिला स्तर पर विजिलैंस कमेटी बनाने का प्रावधान है। पंचाय़त स्तर पर रिड्रेसल मेकानिजम का प्रावधान है । राज्य सरकार ने इन प्रावधानों को लागू नहीं किया है । इस कारण यह कानून का उल्लंघन है । इस कानून के तहत दिये जाने वाले राशन कार्ड में अनेक अनियमितताएं  है ।

आगामी पंचाय़त चुनाव को ध्यान में रख कर पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं को राशन कार्ड दिये गये हैं । यह  योजना जिन गरीब लोगों के लिए है उन्हें इससे वंचित रखा जा रहा है । इस कारण कांग्रेस इस पर हाइकोर्ट का दरबाजा खटखटाने का विचार कर रही है । उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनका कानूनी सलाहकार पीतांबर आचार्य से बात हुई है । आगामी कुछ दिनों में इस पर कार्रवाई की जाएगी ।

उधर भाजपा के महासचिव मनमोहन सामल ने भी कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने में व्यापक अनियमितता हुई है । इस कानून को लागू करने के लिए जो समय सीमा तय की गई थी राज्य सरकार उसे समय पर लागू नहीं कर पायी । बार बार राज्य सरकार ने इसे लागू करने के लिए समय लिया । देरी के बावजूद राज्य सरकार ने सही ढंग से इसका कार्यान्वयन नहीं किया। बीजद अपने कार्यकर्ताओं को ही रासन कार्ड दे रही है तथा गरीब लोगों को इससे बंचित रखा है । इस कारण भाजपा विचार विमर्श के बाद एक दो दिन में इस संबंध में कानूनी कार्रवाई की जाएगी ।

इस संबंध में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजद के प्रवक्ता प्रताप देव ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को इस आरोप से वह असहमत है। जहां पर गलती दिख रही है उसे सुधारा जा रहा है । फुड कमिशन की बात जो कही जा रही है उसमें किसे पैसा खर्च करना है राज्य सरकार को या फिर केन्द्र सरकार को इस संबंध में कोई स्पष्टता नहीं है ।