कश्मीर में सेना के काफिले पर हमला, 2 सैनिक व 1 पुलिसकर्मी शहीद

श्रीनगर, 17 अगस्त | जम्मू एवं कश्मीर के बारामूला जिले में बुधवार को आतंकवादियों द्वारा सेना के एक काफिले पर किए गए हमले में दो सैनिक और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गए। हमले में चार जवान घायल भी हुए हैं। सुरक्षा बलों पर पिछले तीन दिनों में यह दूसरा घातक हमला है।

कश्मीर में आठ जुलाई को आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से तनाव बना हुआ है। इसी के बीच यह हमला हुआ है।

राज्य में सड़कों पर हंगामा अब भी जारी है और इसी के बीच आतंकवादी हिंसा ने भी जोर दिखाना शुरू कर दिया है। सुरक्षा बलों ने आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि के लिए राज्य में फैली अशांति को जिम्मेदार ठहराया है।

अधिकारियों का कहना है कि करीब 60 आतंकवादी राज्य में कई सप्ताह से चल रहे तनाव के दौरान पाकिस्तान से घाटी में चोरी-छिपे प्रवेश करने में सफल रहे हैं।

बारामूला में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “सुरक्षा बल राज्य में फैले तनाव को कम करने में व्यस्त हैं, जिसके कारण आतंकवादी खुद को एकजुट करने में सफल हो रहे हैं।”

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि आतंकवादियों ने तड़के लगभग 3.30 बजे बारामूला के ख्वाजा बाग क्षेत्र में सेना के काफिले पर हमला किया और दो सैनिकों की जान ले ली। इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसबल पर हमला किया गया जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। घटना में चार सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।

इससे पहले मंगलवार को आतंकवादियों ने कश्मीर के पुलवामा जिले के काकापोरा पुलिस थाने पर भी हमला किया। इसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। 15 अगस्त को आतंकियों के हमले में एक अर्धसैनिक कमांडेंट शहीद हो गए थे।

आठ जुलाई को आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से अशांत कश्मीर में सुरक्षाबलों की फायरिंग में मरने वालों की संख्या 63 हो गई है। इस दौरान कम ले कम दो पुलिसकर्मियों की भी मौत हुई है।

राज्य में स्कूल, दुकान, बैंक और कार्यालय लगातार बंद हैं। बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती की गई है।

अलगाववादियों के बंद को बुधवार को 40 दिन पूरे हो गए। राज्य में इससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

अलगाववादियों ने श्रीनगर में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय तक जुलूस निकालने की भी बात कही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे 72 घंटे के लिए धरने पर बैठ जाएंगे।                                –आईएएनएस