तालमेल

कैप्टन और सिद्धू के बीच तालमेल के लिए कमेटी गठित

कैप्टन अमरिन्दर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तालमेल के लिए कमेटी गठित की जाएगी। इस संबंध में शुक्रवार को चंडीगढ़ में एक फैसला लिया गया।

सत्ताधारी पक्ष और राज्य सरकार के दरमियान बेहतर तालमेल  बनाने पर विभिन्न सरकारी प्रोग्रामों और सुधारों को लागू करने में तेज़ी लाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को एक 10 सदस्यीय ‘रणनीतिक नीति समूह ’ गठित करने पर सहमति जताई है।

इस समूह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री करेंगे और स्थानीय सरकार मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और सामाजिक सुरक्षा मंत्री अरुणा चौधरी, नवजोत सिंह सिद्धू और पार्टी के चार वर्किंग प्रधानों कुलजीत सिंह नागरा, सुखविन्दर सिंह डैनी, संगत सिंह गिलजियां और पवन गोयल और परगट सिंह के अलावा इस समूह के मैंबर होंगे।

यह फ़ैसला 20 अगस्त,2021 को सुबह तब लिया गया जब नवजोत सिंह सिद्धू, कुलजीत सिंह नागरा और परगट सिंह समेत मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात करने के लिए पहुँचे, जिससे पंजाब से जुड़े मुद्दों और पार्टी एवं सरकार के दरमियान बेहतर तालमेल के लिए कदम उठाने संबंधी विचार-विमर्श किया जा सके।

इस समूह द्वारा अन्य मंत्रियों और माहिरों की ज़रूरत के अनुसार विचार-विमर्श के साथ साप्ताहिक बैठकें की जाएंगी। इन मीटिंगों में राज्य सरकार द्वारा पहले ही लागू की जा रही विभिन्न पहलकदमियों संबंधी विचार-विमर्श एवं समीक्षा होगी और इसके अलावा इनमें तेज़ी लाने सम्बन्धी सुझाव भी दिए जाएंगे।

एक अन्य फ़ैसले के अंतर्गत कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने कैबिनेट के सहयोगियों को प्रतिदिन पंजाब कांग्रेस भवन में बारी-बारी मौजूद रहने के लिए कहा है, जिससे विधायकों और पार्टी के अन्य अधिकारियों के साथ उनके हलकों/इलाकों से संबंधित मुद्दों संबंधी विचार-विमर्श कर किसी भी तरह की शिकायत को दूर किया जा सके।

एक मंत्री कांग्रेस भवन में सोमवार से तीन घंटों (सुबह 11:00 से दोपहर 02:00) बजे तक मौजूद रहेगा और यदि किसी ख़ास दिन के लिए तैनात मंत्री किसी कारण वहाँ मौजूद रहने में असमर्थ रहते हैं, तो वह किसी अन्य मंत्री के साथ सलाह करके अपना विकल्प मुहैया करवाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रबंध हफ्ते में पाँच दिन सोमवार से शुक्रवार तक लागू होगा। उन्होंने आगे कहा कि इससे 2022 की विधान सभा चुनाव के मद्देनजऱ उनकी सरकार और पार्टी के अधिकारियों के दरमियान बेहतर तालमेल बनेगा।