Rakhi

गंगा के पत्थरों से राखी बना रही स्पर्श गंगा की गीता

हरिद्वार, 20 जुलाई (हि.स.)। वह गंगा तटों में खूबसूरत चमकीले पत्थरों तथा परम्परागत पूजा-अर्चना में प्रयुक्त किए जाने वाले कलावे से स्पर्श गंगा रक्षा सूत्र (Rakhi) बना रही हैं। वह कहती हैं चीन की राखियों का सभी लोग बहिष्कार करें।
स्पर्श गंगा अभियान की सदस्य रीता कार्की चमोली इस बार रक्षाबन्धन (Rakshabandhan) में स्पर्श गंगा की बहनों-भाइयों की कुशलता की कामना के साथ आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प को पूरा कर रही हैं।
गीता कार्की का कहना है कि  स्वदेशी तथा स्थानीय राखियां (Rakhi) गंगा के पावन जल से निकले पत्थरों से जड़ित हैं। इससे स्वदेशी का संदेश भी समाज में जाएगा। लोग गंगा स्वच्छता अभियान से भावनात्मक रूप से जुड़ेंगे।
वह स्पर्श गंगा अभियान से जुड़े सदस्यों को यह राखियां (Rakhi) भेंट करेंगी।
उन्होंने बताया कि रश्मि चौहान, कमला जोशी, बिमला ढोडियाल, मनु रावत, रेणु शर्मा, रजनी वर्मा, और सभी स्पर्श गंगा से जुड़ी मातृशक्ति स्पर्श गंगा रक्षा सूत्र के कार्यक्रम के अंतर्गत 1100 राखियां बनाएंगी। रजनीश सहगल, मनप्रीत, अंश मल्होत्रा, और आशु चौधरी स्पर्श गंगा रक्षा सूत्र कार्यक्रम में सहयोग कर रहे हैं।