चेतन चौहान

चेतन चौहान ने  12 साल के अपने क्रिकेट करियर में 40 टेस्ट मैच खेले

नई दिल्ली, 17 अगस्त। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद के वरिष्ठ सदस्य  रहे दिवंगत  चेतन चौहान ने  12 साल के अपने क्रिकेट करियर में चेतन चौहान ने 40 टेस्ट मैचों में दो हजार 84 रन बनाए। उन्होंने दो विकेट भी लिए। उनके नाम 16 अर्धशतक भी दर्ज हैं।

सुनील गावस्कर के साथ उनकी सलामी जोड़ी दुनियाभर में मशहूर रही।

दोनों ने सलामी जोड़ी के तौर पर तीन हजार से ज्यादा रन बनाए, जिसमें 12 बार शतकीय साझेदारी भी शामिल है। 1981 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

रविवार शाम लगभग 05 बजे  पूर्व भारतीय क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद के वरिष्ठ सदस्य चेतन चौहान का गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हो गया।

वे 73 वर्ष के थे। चेतन चौहान को पिछले महीने लखनऊ के पी.जी.आई. अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वो कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उसके बाद गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों के अनुसार एक साथ शरीर के कई अंगों के काम नहीं करने के कारण उनका निधन हो गया।

लखनऊ में 16 अगस्त, 2020 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में  सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद के वरिष्ठ सदस्य  चेतन चौहान के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया गया।

प्रस्ताव में मंत्रिपरिषद द्वारा चौहान के निधन पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

मंत्रिपरिषद ने परमपिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने तथा चौहानके शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख की घड़ी में शक्ति एवं संबल प्रदान करने की प्रार्थना भी की।

प्रस्ताव में कहा गया कि दिवंगत चेतन चौहान का जन्म 21 जुलाई, 1947 को मेरठ में हुआ था। चौहान एक लोकप्रिय जननेता, समर्पित समाजसेवी तथा सुप्रसिद्ध क्रिकेटर भी थे।

उन्होंने अपने अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर में 40 टेस्ट मैच एवं 07 एकदिवसीय मैच खेले। वह भारत के एक प्रसिद्ध ओपनिंग बैट्समैन थे। वर्ष 1981 में उन्हें अर्जुन अवाॅर्ड के लिए चुना गया था।

चौहान वर्ष 1991 व 1998 में अमरोहा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। वर्ष 2017 में वे विधानसभा क्षेत्र नौगवां सादात से विधानसभा के लिए चुने गए तथा प्रदेश सरकार में मंत्री बने।

चौहान ने एक जनप्रतिनिधि के रूप में जन आकांक्षाओं का हमेशा सम्मान किया तथा जनता के प्रति समर्पित रहे।

मंत्री के रूप में विभागीय कार्यों को कुशलतापूर्वक निर्वहन करने में उनका योगदान अत्यधिक सराहनीय रहा है। उनका निधन सरकार एवं समाज की अपूरणीय क्षति है।

 

प्रदेश विधान सभा के लिए वे अमरोहा जिले के नौगांवा सादात विधान सभा से निर्वाचित हुए थे। वे दो बार लोकसभा सदस्य भी रहे हैं।

 

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