चौहान ने अमरीकी राजदूत से आर्थिक निवेश के बारे में चर्चा की

भोपाल, 26 मई।  मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान से बुधवार यहाँ भारत में अमेरिका के राजदूत  रिचर्ड आर. वर्मा ने भेंट की।  वर्मा ने मध्यप्रदेश में आर्थिक निवेश, महिला सशक्तिकरण  और ग्रीन ऊर्जा के क्षेत्र में  संभावनाओं के बारे में चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आर्थिक निवेश पर चर्चा करते हुए बताया कि 21, 22 और 23 अक्टूबर को इन्दौर में ग्लोबल इन्वेस्‍टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। अमेरिका के निवेश समुदाय को आमंत्रण भेजा जा रहा है। चौहान ने अमेरिका को ग्लोबल इन्वेस्‍टर्स समिट में पार्टनर देश के रूप में भाग लेने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में निवेश की संभावनाएँ देखते हुए नई नीति बना ली है।

चौहान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे कई मुद्दों पर भारत और अमेरिका में वैचारिक समानताएँ हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों में और ज्यादा घनिष्ठता आई है।

मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि प्रदेश में उद्योगों के लिये भूमि आवंटन, कारखानों में निरीक्षण व्यवस्था और अन्य प्रशासकीय प्रक्रियाओं को अविलंब पूरी करने के लिये एकल खिड़की प्रणाली बनायी गयी है। इससे निवेशकों का सरकार पर विश्वास भी बढ़ा और उन्हें अपनी परियोजनाएँ स्थापित करने में मदद मिली है।

ग्रीन ऊर्जा के क्षेत्र में है संभावनाएँ

रिचर्ड ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंधों में मजबूती आई है। दोनों देश हर क्षेत्र में साथ-साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।

उन्होंने मध्यप्रदेश की आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में हुई प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि क्लीन और ग्रीन ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने की बहुत संभावनाएँ हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि विश्व का सबसे बड़ा 750 क्षमता मेगावाट का सोलर प्लांट रीवा में लग रहा है। एशिया का सबसे बड़ा 135 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट नीमच में स्थापित है। अगले दो साल में रीवा का प्लांट शुरू हो जायेगा

रिचर्ड ने  कहा कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र की प्राथमिकता और बढ़ेगी।

रिचर्ड ने व्यापार और उद्योग को सरल बनाने के संबंध में प्रदेश सरकार की नीतियों के संबंध में जानना चाहा।

मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर प्रदेश सरकार की पहल की चर्चा करते हुए बताया कि प्राकृतिक संसाधनों का न्यायपूर्ण दोहन और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है। मध्यप्रदेश को जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में काम करने वाला आदर्श राज्य बनाना चाहते हैं।