छत्तीसगढ़ के किसानों की आय होगी दोगुनी करने की योजना तैयार

रायपुर, 17 मई (जनसमा)। केंद्र सरकार द्वारा 2016-17 के आम बजट में 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य लक्ष्य रखा गया है। इसी को मद्देनजर रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने अगले छह वर्ष में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए तात्कालिक और दीर्घकालीन कार्य योजना तैयार कर ली है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा इस कार्य योजना के बारे में दिए गए प्रस्तुतिकरण को देखा और इसके लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए उन्हें केन्द्र की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रस्तुतिकरण में उन्हें बताया कि राज्य सरकार सूखे और अकाल के प्राकृतिक संकट से निपटने के लिए अल्प कालीन और दीर्घकालीन रणनीति बनाकर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत राज्य में 54 हजार 931 करोड़ खर्च करने की योजना तैयार की गई है। मोदी ने इसके लिए भी मुख्यमंत्री की प्रशंसा की।

डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री के समक्ष राज्य में मनरेगा के तहत जल संरक्षण आदि के लिए विगत दस वर्ष में किए गए स्थायी महत्व के निर्माण कार्यों के बारे में भी बताया। मोदी ने इस पर काफी खुशी जतायी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष लगभग एक घंटे तक प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव विवेक ढांड, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह सहित केन्द्र और राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह  ने प्रस्तुतिकरण में बताया कि दीर्घकालीन योजना के तहत वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दुगुनी करने की रणनीति बनाई है। वर्तमान में किसानों को खेती के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण सुविधा दी जा रही है। इसे जारी रखा जाएगा, वहीं गुणवत्तायुक्त बिजली आपूर्ति, विभिन्न स्थानों में फूडपार्क की स्थापना की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी बताया कि महानदी में 6 बैराज बनाए जा रहे हैं, जो मार्च 2017 में पूरे हो जाएंगे। इससे 3,149 हेक्टेयर मे अतिरिक्त सिंचाई होगी और राज्य सरकार को 200 करोड़ का राजस्व मिलेगा। प्रतिवर्ष 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता बढ़ायी जाएगी। भूमिगत जल के बजाय सतही जल को पेयजल के लिए उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में रूफटॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में 10,029 रूफटॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग स्थापित किये जा चुके हैं। सिंचाई के लिए ड्रिप पद्धति और स्प्रिंकलर को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में 2 लाख 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप पद्धति और स्प्रिंकलर सिंचाई हो रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए दंतेवाड़ा पैटर्न पर मोचोबाड़ी योजना को बढ़ावा दिया जाएगा।