जल संरक्षण का संदेश फैलाने में 14 लाख विद्यार्थियों ने लिया भाग

नई दिल्ली, 29 मार्च (जनसमा)। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधीन केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, जल संरक्षण के महत्व और जल प्रदूषण की रोकथाम को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। यह प्रतियोगिता तीन चरणों में क्रमश: विद्यालय, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है।

इस वर्ष देशभर के लगभग 17,000 स्कूलों के 14 लाख विद्यार्थियों ने ‘जल संरक्षण-से भविष्य को संवारे’ विषय पर विद्यालय स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया। इनमें से प्रत्येक राज्य की राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए 50 बच्चों को ‘भू-जल एवं नदियों का प्रदूषण से संरक्षण’ विषय पर चित्र बनाने के लिए आमंत्रित किया गया। प्रत्येक राज्य में प्रथम पुरस्कार जीतने वाले 30 बच्चों ने आज आयोजित राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।

नई दिल्ली में मंगलवार को जल संरक्षण तथा प्रदूषण पर आयोजित छठी राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरित करते हुए केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि जल संरक्षण के महत्व और जल प्रदूषण की रोकथाम पर जागरूकता फैलाने में बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि कई बार बच्चे जल संरक्षण का संदेश फैलाने में अपने अभिभावकों से बेहतर साबित हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमें अपने भू-जल के बेहतर संरक्षण और नदियों को प्रदूषण मुक्त करने में बच्चों और युवा पीढ़ी का और अधिक सहयोग लेना होगा।’ सुश्री भारती ने कहा कि इस अभियान में नदियों के किनारे रहने वाले बच्चों की विशेष भूमिका हो सकती है। बच्चों द्वारा चित्रकला के माध्यम से व्यक्त नवीन सुझावों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इनसे मंत्रालय को भविष्य के लिए सुरक्षित व सतत जल के लिए उचित कार्रवाई करने में सफलता मिलेगी।

सुश्री भारती ने कहा कि बच्चों द्वारा उनकी चित्रकलाओं में प्रस्तुत सुन्दर विचार लोगों को पानी के उचित उपयोग व सरंक्षण के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने बच्चों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों से जल संरक्षण एवं जल संसाधनों की सुरक्षा पर मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्‍होंने यह उम्मीद भी व्यक्त की कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली विद्यार्थी अपने विद्यालयों और समाज में जल के संरक्षण तथा उसके समुचित उपयोग के संदेश वाहक बनेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से हम अपनी नई पीढ़ी को जल संरक्षण और बेहतर जल प्रबंधन के प्रति भी बचपन से ही जागरूक कर सकते हैं।

सुश्री भारती ने 50,000 रुपये का प्रथम पुरस्कार कुमारी आयशा पटनायक (ओडिशा) को, 25,000 हजार रुपये के दो द्वितीय पुरस्कार श्री सूरज चौधरी (गोवा) और श्री वी हेमचंद्रन (पुद्दुचेरी) को और 10,000 रुपये के तीन तृतीय पुरस्कार कुमारी बिदीप्ता देब (त्रिपुरा), कुमारी जी इमोरा मर्सी (तमिलनाडु) और कुमारी नेहा शर्मा (हरियाणा) को प्रदान किए। 24 प्रतिभागियों को 5000 रुपये के सांत्वना पुरस्कार दिए गए।