बिजली लेने वाला नहीं, देने वाला राज्य बन गया है छत्तीसगढ़ : रमन

रायपुर, 29 मार्च। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि बिजली के मामले में छत्तीसगढ़ अब लेने वाला नहीं बल्कि देने वाला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत के नक्शे में बिजली के मामले में छत्तीसगढ़ अब चमकता हुआ प्रदेश है, जिसकी अपनी विश्वसनीयता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंतिम छोर के गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए कार्य योजना बनाकर लगातार काम कर रही है। बिजली के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर हो चुका है और अब हम दूसरे राज्यों को बिजली देने लगे हैं।

डॉ. रमन सिंह मंगलवार को यहां विधानसभा में अपने विभागों की अनुदान मांगों पर सदन में हुई चर्चा का विस्तार से जवाब दे रहे थे।

उन्होंने ने इस मौके पर यह भी ऐलान किया कि राज्य में बिजली की बचत के लिए गरीबी रेखा से नीचे 16 लाख उपभोक्ताओं को निःशुल्क एल.ई.डी. लैम्प दिए जाएंगे। गरीबी रेखा से उपर अर्थात एपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को अधिकतम पांच एल.ई.डी. लैम्प 90 रूपए प्रति नग की दर से मात्र 10 रूपए की मासिक किश्त पर दिए जाएंगे।

डॉ. रमन सिंह ने सदस्यों को बताया कि छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के सभी लोगों को तीन हार्सपावर से पांच हार्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए बिजली निःशुल्क दी जाएगी।

रमन सिंह ने कहा कि वर्ष 2003 से हम लगातार आखिरी घर तक बिजली की रौशनी पहुंचाने के अभियान में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य अगले दो वर्ष में प्राप्त करने की कार्य योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में विद्युत सुविधाओं के विस्तार के फलस्वरूप प्रतिव्यक्ति बिजली की खपत जो नवम्बर 2003 की स्थिति में 542 यूनिट थी, वह आज बढ़कर 1724 यूनिट हो गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1010 यूनिट प्रति व्यक्ति है अर्थात राज्य में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत में बारह साल में 218 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 19 हजार 567 गांवों में से 95 प्रतिशत अर्थात 18 हजार 487 गांवों और 75 हजार 117 बसाहटों में से 67 हजार 245 बसाहटों अर्थात 90 प्रतिशत का विद्युतीकरण हो चुका है। अब शेष रह गए एक हजार 080 गांवों और सात हजार 872 बसाहटों तक बिजली पहुंचाने की दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि शेष रह गए इन गांवों में से 543 गांवों और 1479 बसाहटों में सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाई जाएगी। शेष गांवों और बसाहटों को परम्परागत तरीके से बिजली दी जाएगी।

रमन सिंह ने बताया कि इस अवधि में राज्य में बिजली की उत्पादन क्षमता 73 प्रतिशत बढ़ गई है। वर्ष 2003 की स्थिति में विद्युत कनेक्शन वाले सिंचाई पम्पों की संख्या केवल 91 हजार थी, जो आज बढ़कर तीन लाख 62 हजार हो गई है अर्थात इसमें चौगुनी वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि विद्युत कनेक्शन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। अब नये विद्युत कनेक्शन के लिए आठ के स्थान पर केवल दो दस्तावेजों की जरूरत होगी।

उन्होंने ने बताया कि राज्य निर्माण से पहले छत्तीसगढ़ में केवल एक गांव लमनी सौर ऊर्जा प्रणाली से विद्युतीकृत था। राज्य निर्माण के प्रथम तीन वर्ष में क्रेडा द्वारा 300 सुदूर गांवों तक सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाई गई, जबकि वर्ष 2003 से अब तक 1450 गांवों और मजरों-टोलों में सौर में सौर ऊर्जा से विद्युतीकरण किया जा चुका है, जो देश में सर्वाधिक है।

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