जीका की वजह से क्यों प्रभावित होता है भ्रूण

वाशिंगटन, 23 अप्रैल । अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक शोध के जरिए जीका वायरस से भ्रूण पर होने वाले दुष्प्रभावों का पता लगाया है। वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में एक कृत्रिम मस्तिष्क की सहायता से जीका वायरस से होने वाले माइक्रोसेफेली और अन्य समस्याओं का आकलन किया है। 

इस शोध के नेतृत्वकर्ता ग्वाओ-ली मिंग और होंगझुन सांग का कहना है कि मच्छर जनित जीका वायरस तंत्रिका तंत्र की मूल कोशिकाओं को संक्रमित करना पसंद करते हैं, लेकिन इससे होने वाली क्षति का प्रभाव समय के अनुसार परिवर्तित हो जाता है। मूल कोशिकाएं ही अन्य कोशिकाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाती हैं।

मिंग ने बताया कि अगर संक्रमण का प्रभाव मस्तिष्क के अल्प विकसित होने पर होता है, तो जोखिम की कम आशंका होती है और भ्रूण का मस्तिष्क कम प्रभावित होता है। वहीं अगर यह संक्रमण शीघ्र अपना प्रभाव दिखाता है, तो भ्रूण का मस्तिष्क अधिक प्रभावित होता है।

इस शोध के बाद अब यह वैज्ञानिक समूह इस कृत्रिम मस्तिष्क पर दवाओं के प्रभावों का आकलन करेगा। जिससे जीका वायरस से सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी।(आईएएनएस/सिन्हुआ)