दलितों के जीवन में बदलाव लाएगा ‘स्टैंड अप इंडिया’ : प्रधानमंत्री

नोएडा, 5 अप्रैल | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार की ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना दलितों और आदिवासियों के जीवन में बदलाव लाने का काम करेगी। इस योजना की शुरुआत के बाद अब वंचित तबके के लोग भी आत्मसम्मान के साथ समाज में आत्मनिर्भर होकर जी सकेंगे। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर स्टैंड अप इंडिया की खूबियां बताईं। उन्होंने कहा, “दलित वे लोग हैं जिन्हें अवसर नही मिला। अगर इन्हें अवसर मिलेगा तो वे भी उत्तम काम कर सकते हैं। स्टैंड अप इंडिया से अब नौकरी मांगने वाला नौकरी देने वाला बन जाएगा।”

मोदी ने मंगलवार को उप्र के नोएडा शहर में मुद्रा योजना के तहत नोएडा, गुड़गांव व दिल्ली में आर्थिक रूप से पिछड़े 5100 लोगों को ई-रिक्शा वितरित किया। इनमें से 10 लोगों को प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से ई-रिक्शा की चाबी दी।

बाबू जगजीवन राम की जयंती पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। दलित परिवार में जन्म लेकर उन्होंने राष्ट्र के गौरव को बढ़ाने में काफी योगदान दिया। इसीलिए उनके जयंती के अवसर पर स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की है।

उन्होंने कहा, “बाबू जगजीवन राम की जयंती पर पिछली सरकारों ने कोई कार्यक्रम किया हो, यह मुझे याद नहीं है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब उनकी जयंती पर कोई कार्यक्रम लांच किया जा रहा है।”

इससे पूर्व मंगलवार को नोएडा में केंद्र सरकार की ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने इस योजना के तहत कुछ लोगों को चेक भी वितरित किए।

इससे पहले मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर ई-रिक्शा के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने ई-रिक्शा पाने वालों से चाय पर चर्चा भी की।

नोएडा के सेक्टर-62 में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, उप्र के राज्यपाल राम नाईक, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया सहित कई लोग मौजूद थे।

इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, “आज एक ऐतिहासिक शुरुआत हो रही है। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना का शुभारंभ हो रहा है। पहले की सरकारों में नीतियां सिर्फ कागजों पर बनती थीं, लेकिन वर्तमान सरकार का यह प्रयास है कि जो भी योजनाएं बनें उसे लोगों तक पहुंचाया जाए।”

जेटली ने कहा, “सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को सु²ढ़ होने तक उनको संगठित करने का प्रयास कर रही है। मौजूदा संसाधनों के बीच हम बैंकों के पुनर्पूजीकरण की कोशिश कर रहे हैं। मैं अतिरिक्त स्रोतों को खोजने की कोशिश कर रहा हूं, ताकि बैंकों को मजबूत बनाया जा सके।”(आईएएनएस)