दीपा ने रचा इतिहास, वॉल्ट के फाइनल में

रियो डी जेनेरियो, 8 अगस्त | भारतीय महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर ने रियो ओलम्पिक की जिम्नास्टिक स्पर्धा में वॉल्ट के फाइनल में प्रवेश कर एक और इतिहास रच दिया। इससे पहले 52 वर्षो के बाद ओलम्पिक खेलों की जिम्नास्टिक स्पर्धा में पहली भारतीय महिला एथलीट के तौर पर प्रवेश कर उन्होंने एक नया इतिहास रचा था।

फोटो: जिमनास्ट दीपा करमाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करती हुईं। (आईएएनएस)

दीपा जिम्नास्टिक की सभी पांच क्वालिफिकेशन सबडिवीजन स्पर्धा के समापन के बाद वॉल्ट में आठवें स्थान पर रहीं, जो फाइनल में क्वालिफाई करने के लिए आखिरी स्थान था।

भारतीय महिला जिमनास्ट का ऑल ऑलराउंड प्रदर्शन औसत रहा और उन्होंने 51.665 का स्कोर करते हुए 61 प्रतिभागियों में 51वां स्थान हासिल किया, जबकि ऑल अराउंड के फाइनल में 29वें स्थान तक की कुल 24 खिलाड़ियों ने फाइनल में प्रवेश किया है।

दीपा ने रविवार को हुए तीसरी सबडिवीजन क्वालिफाइंग स्पर्धा के वॉल्ट में 14.850 अंक हासिल किया। वहीं, उन्होने ‘अनईवन बार्स’ में 11.666, ‘बेलेंस बीम’ में 12.866 अंक और ‘फ्लोर एक्सरसाइज’ में 12.033 अंक हासिल किए।

उन्होंने प्रोदुनोवा में पहली बार में अच्छा प्रदर्शन करते हुए 15.100 अंक हासिल किए। दूसरी बार में उन्होंने 14.6 अंक हासिल किए।

‘अनईवन बार्स’ में दीपा ने ‘एक्जीक्यूशन’ में 7.166 और ‘डिफिकल्टी’ में 4.5 अंक हासिल किए। वहीं, ‘बेलेंस बीम’ में उन्होंने इन्ही दो वर्गो में क्रमश: 7.566 और 5.3 अंक लिए।

तीसरे सबडिवीजन की समाप्ति पर दीपा छठे स्थान पर थीं, लेकिन अमेरिका की सिमोन बाइल्स और कनाडा की शैलन ओल्सेन आखिरी के दो सबडिवीजन से फाइनल में प्रवेश करने में सफल रहीं।

सिमोन बाइल्स ने वॉल्ट में 16.050 अंक हासिल कर शीर्ष स्थान के साथ फाइनल में प्रवेश किया, जबकि दीपा सबसे निचले आठवें पायदान के साथ फाइनल में पहुंची हैं। इससे स्पष्ट है कि दीपा को फाइनल में पदक हासिल करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।

कलात्मक जिम्नास्टिक स्पर्धा के क्वालिफिकेशन सबडिवीजन-3 में दीपा का ओवरऑल प्रदर्शन तो औसत रहा, लेकिन वॉल्ट में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई है।

दीपा ने वॉल्ट में बेहद कठिन माने जाने वाले प्रोदुनोवा को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और रियो-2016 में ऐसा करने वाली वह एकमात्र जिम्नास्ट रहीं। हालांकि अमेरिका की सीमोन बाइल्स ने प्रोदुनोवा जैसा कठिन मार्ग न चुनने के बावजूद प्रदर्शित कर दिया है कि अन्य वॉल्ट कलाओं के जरिए भी अधिक अंक हासिल किए जा सकते हैं।

कुल अंकों की रैंकिंग में ब्राजील की रेबेका आंद्रादे (58.732) शीर्ष पर हैं। वहीं रूस की सेडा तुतखालियान (58.207) दूसरे और आलिया मुस्ताफिना (58.098) तीसरे स्थान पर हैं।

दीपा अब 14 फरवरी को वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में पदक की दावेदारी पेश करेंगी।         –आईएएनएस