नागरिकता संशोधन विधेयक संयुक्त समिति को भेजेगी सरकार

नई दिल्ली, 11 अगस्त | लोकसभा में विपक्ष ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 को सदन के पटल पर लाए जाने का विरोध किया। विपक्ष ने सरकार से इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की दमदार पैरवी की। सरकार इस पर सहमत हो गई है। सरकार ने इस विधेयक को विचार और पारित किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया था।

प्रश्नकाल के बाद जैसे ही सदन के पटल पर कागजात रखे गए, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बीजेडी के भर्तृहरि महताब को इसे पेश किए जाने पर अपनी आपत्तियां उठाने की अनुमति दी।

महताब ने कहा, “इस विधेयक के बारीकी से जांच की जरूरत है। विशेष संशोधन को इसमें सूचीबद्ध किया गया है। इस पर विशेष बहस की जरूरत है। मेरा सरकार से आग्रह है कि एक संयुक्त समिति बनाए और इस मामले को उसे भेजे और इस मामले पर समयबद्ध तरीके से चर्चा की जानी चाहिए।”

कांग्रेस, वाम और तृणमूल कांग्रेस भी इस पर अपनी आपत्तियां उठा चुके हैं और सरकार से इसे संयुक्त संसदीय समिति या स्थायी समिति को भेजने का आग्रह किया।

कांग्रेस सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “हम इस विधेयक का समर्थन करेंगे, लेकिन इसमें बहुत सारी खामियां हैं। इसलिए इस मामले को या तो संयुक्त चयन समिति या संसदीय स्थायी समिति को भेज दिया जाना चाहिए।”

नागरिकता अधिनियम, 1955 के प्रावधानों की बदौलत नागरिकता कई तरीकों से हासिल की जा सकती है। इसलिए इसमें संशोधन की जरूरत महसूस की गई।

माकपा के मोहम्मद सलीम और तृणमूल के सुदीप बंद्योपाध्याय ने भी विपक्ष की मांग का समर्थन किया।

आपत्तियों के जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिह ने कहा, “यदि सदस्यों की इच्छा इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेजन की है तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।”

–आईएएनएस