Mucormycosis

पंजाब में म्यूकरमाईकोसिस के 43 मरीजों की मौत, 234 इलाज अधीन

पंजाब में बीते बुधवार तक म्यूकरमाईकोसिस (Mucormycosis ) के 43 मरीजों की मौत हो चुकी है। राज्य में अब तक म्यूकरमाईकोसिस के 300 केस सामने आए हैं और इनमें से 259 केस पंजाब और 41 केस अन्य राज्यों से सम्बन्धित हैं।

राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 23 मरीज ठीक हो गए हैं और 234 मरीज इलाज अधीन हैं, हालाँकि बीमारी के दौरान म्यूकरमाईकोसिस के 43 मरीजों की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य माहिरों के विश्लेषण के बाद यह बात सामने आई है कि म्यूकरमाईकोसिस के मामलों में शुुगर रोग जोखिम का एक बड़ा कारक है।

म्यूकरमाईकोसिस के 25 प्रतिशत केस 18-45 उम्र वर्ग, 38 प्रतिशत केस 45-60 उम्र वर्ग और 36 प्रतिशत केस 60 साल से ज्यादा की उम्र वाले व्यक्तियों में रिपोर्ट किये गए हैं।

प्रतीकात्मक इमेज : Mucormycosis

स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि म्यूकरमाईकोसिस के तकरीबन 80 प्रतिशत केस कोविड के हैं और म्यूकरमाईकोसिस के 87 प्रतिशत मामलों में शुगर की बीमारी जोखिम के बड़े कारक के तौर पर सामने आई है।

उन्होंने बताया कि 32 प्रतिशत मामलों में बीमारियों के साथ लड़ने का सामर्थ्य कम पाया गया है। मरने वाले 43 मरीजों में से 88 फीसद कोविड से पीड़ित थे, 86 फीसद मरीजों ने पहले स्टेरोयड का प्रयोग किया था, 80 फीसद मरीज शुगर के मरीज थे।

स्वास्थ्य मंत्री ने उन मरीजों से अपील की जिनका टैस्ट कोविड पाजिटिव आया है या जो हाल ही में कोविड से पीड़ित रहे हैं और जिनको शुगर भी है, उनको स्टेरोयड का प्रयोग करने से परहेज करना चाहिए और डाक्टरों के साथ सलाह करना चाहिए यदि उनको नाक बंद, नाक में से काले रंग का डिस्चार्ज या मुँह के अंदर का रंग बदलता महसूस होता है जिससे उनका इलाज जल्दी से जल्दी शुरू किया जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने पंजाब सरकार की तरफ से उठाई माँग के विरुद्ध इंजैकशन ऐमफोटेटरिसन की बहुत कम मात्रा में सप्लाई की है।

माहिर कमेटी ने वैकल्पिक दवाओं पोसाकोनाजोल और इटराकोनजोल प्रयोग करने की सलाह दी थी जो राज्य सरकार की तरफ से खरीद कर म्यूकोरमायकोसिस मामलों के प्रबंधन के लिए अस्पतालों को दी गई है।

जिक्रयोग्य है कि पंजाब सरकार द्वारा पहले ही महामारी रोग एक्ट के अंतर्गत म्यूकरमाईकोसिस को नोटीफायी किया जा चुका है।
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