mysterious death

पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की रहस्यमयी मौत से एडिटर्स गिल्ड स्तब्ध

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (The Editors Guild of India ) ने  एक बयान  कहा है कि प्रतापगढ़ में टीवी पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव (Sulabh Srivastava) की रहस्यमयी मौत (mysterious death)  से वह स्तब्ध है।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा जारी बयान पर अध्यक्ष सीमा मुस्तफा, सचिव संजय कपूर और कोषाध्यक्ष अनंत नाथ के हस्ताक्षर हैं।

पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की रहस्यमयी मौत पर  जारी बयान में कहा गया है कि शराब माफिया के गलत कामों को उजागर करने के कारण श्रीवास्तव को धमकी दी गई थी।

श्रीवास्तव ने पुलिस को एक पत्र लिखकर अपने जीवन की रक्षा के लिए गंभीर खतरे की आशंका व्यक्त की थी। श्रीवास्तव को लगता था कि कुछ लोग उनका पीछा कर रहे हैं।

पुलिस  अधिकारियों ने श्रीवास्तव की आशंका पर कोई ध्यान नहीं दिया। पुलिस को पत्र लिखने के कुछ दिनों बाद श्रीवास्तव की मौत हो गई। सुलभ श्रीवास्तव की मौत को पुलिस  दुर्घटना बता रही है और दावा कर रही है कि उनकी बाइक एक हैंडपंप से टकरा गई थी।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया  का कहना है कि उनकी मौत ऐसे समय में हुई है जब मीडिया को केंद्र और राज्य सरकारों के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि पुलिस और स्थानीय अधिकारी अन्यायपूर्ण तरीके से राजद्रोह और यूएपीए (UAPA) जैसे कानूनों का उपयोग पत्रकारों को गिरफ्तार करने के लिए करते हैं।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया  ने कहा है कि यह केदार नाथ सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की भावना के खिलाफ है और हाल ही में विनोद दुआ के खिलाफ देशद्रोह के मामले में दोहराया गया है।

सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों और कार्टूनिस्टों को भी सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि सरकार द्वारा इन प्लेटफार्मों पर ऐसी आलोचना को हटाने के लिए दबाव डाला जा रहा है कि वे देश के कानून का उल्लंघन कर रहे हैं।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया  ने कहा है कि यह सब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कही गई उन प्रतिबद्धताओं के विपरीत है जो  उन्होंने जी -7 शिखर सम्मेलन में लोकतंत्र, खुलेपन  के लिए सत्तावाद के खिलाफ की थी।