input tax credit fraud

फर्जी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट धोखाधड़ी, मनीष मोदी और गौरव अग्रवाल गिरफ्तार

वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) खुफिया महानिदेशालय (GST Intelligence ) की गुरुग्राम (Gurugram) क्षेत्रीय इकाई, हरियाणा ने 176 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट धोखाधड़ी (input tax credit fraud) मामले का भंडाफोड़ किया हैं जिसमें इन बिलों को संजय गोयल मालिक मेसर्स रेडामेंसी वर्ल्‍ड और दीपक शर्मा ने पेश किया था।

यह जानकारी 25 अगस्त 2021 को वित्‍त मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दीपक शर्मा ऐसी आठ कंपनियों के वास्‍तव में नियंत्रक हैं जो अस्तित्‍व में ही नहीं थी।

विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि इस मामले में क्षेत्रीय इकाई ने संजय गोयल और दीपक शर्मा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच के दौरान दो और प्रमुख व्‍यक्तियों  मनीष मोदी और गौरव अग्रवाल का नाम भी उभर कर सामने आया है।

फर्जी इनपुट टैक्‍स मामले की विस्‍तृत जानकारी के आधार पर क्षेत्रीय इकाई ने मनीष मोदी, चार्टर्ड अकाउंटेंट निवासी पीतमपुरा, नई दिल्‍ली को फर्जी फर्म रैकेट चलाने तथा फर्जी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट बिल मामले में गिरफ्तार किया  है,  जिसमें वस्‍तुओं और सेवाओं की वास्‍तव में आपूर्ति ही नहीं हुई थी।

विज्ञप्ति के अनुसार  यह भी पाया गया है कि  मनीष मोदी फर्जी फर्मों मेसर्स निवारण एंटरप्राइजेज और मेसर्स पंचवटी एंटरप्राइजेज का प्रबंधन/नियंत्रण कर रहे थे और इनके आधार पर मनीष ने 36 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी बिल पेश किए।

मनीष मोदी के पास से कुछ आपत्तिजनक साक्ष्‍य भी पाए गए हैं जो यह दर्शाते हैं कि इस तरह की ही अन्‍य फर्मों को वह नियंत्रित करते थे। इस मामले की जांच की जा रही है।

विज्ञप्ति के अनुसार  गौरव अग्रवाल, सहयोगी मेसर्स अग्रवाल एंड कंपनी (आईटीसी का अधिकृत डीलर) का नाम भी आईटीसी धोखाधड़ी रैकेट मामले में सामने आया है। गौरव अग्रवाल ने धोखाधड़ी करते हुए 15 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी बिल (जिसमें जीएसटी और सेस शामिल हैं।) पेश किए हैं और इन आरोपों के चलते गौरव अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया है।

मनीष मोदी और गौरव अग्रवाल को 23 अगस्त. 2021 को गिरफ्तार किया गया और ड्यूटी मेट्रोपोलि‍टन मजिस्‍ट्रेट दिल्‍ली के समक्ष पेश किया गया ।

मेट्रोपोलि‍टन मजिस्‍ट्रेट ने दोनों को 14 दिनों की न्‍यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

दोनों व्‍यक्तियों की ओर से 36 करोड़ रुपये और 15 करोड़ रुपये से अधिक आईटीसी बिल धोखाधड़ी करते हुए पेश किए गए थे।

फर्जी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट धोखाधड़ी मामले की विस्‍तृत जांच जारी है।