A scene of British film Catching Date

ब्रिटिश फिल्म “कैचिंग डस्ट” के साथ 54वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का शुभारंभ

ब्रिटिश फिल्म “कैचिंग डस्ट” (British film Catching Date) के साथ भारत के 54वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (54th International Film Festival of India) का शुभारंभ हुआ। स्टुअर्ट गैट द्वारा निर्देशित इस फिल्म में एरिन मोरियार्टी, जय कर्टनी, दीना शिहाबी, रायन कॉर, होसे अल्टिट, गैरी फैनिन और ओलवेन फाउरे सहित कई चमकते सितारे हैं।

पणजी (गोवा),20 नवंबर। यह तथ्य व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है कि फिल्में सीमाओं से परे, सामूहिक मानवीय अनुभवों को साझा करने और मानवीय भावनाओं की सार्वभौमिक भाषा के माध्यम से दर्शकों को एकजुट करने की असीम शक्ति रखती हैं। इस वर्ष की पहली फिल्म “कैचिंग डस्ट” ने इसी भावना को साझा किया और गोवा में आयोजित 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह फिल्म अत्यंत मनमोहक है तथा इसने बेजोड़ दृश्य कलात्मकता के साथ एक असाधारण सिनेमाई यात्रा का अनुभव कराया।

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने खचाखच भरे हॉल में स्क्रीनिंग से पहले फिल्म की कास्ट और क्रू को सम्मानित किया। उनके साथ एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) की उपाध्यक्ष श्रीमती डिलाइला एम. लोबो भी मौजूद थीं।

स्टुअर्ट गैट द्वारा निर्देशित इस फिल्म में एरिन मोरियार्टी, जय कर्टनी, दीना शिहाबी, रायन कॉर, होसे अल्टिट, गैरी फैनिन और ओलवेन फाउरे सहित कई चमकते सितारे हैं। निर्देशक स्टुअर्ट गैट मिश्रित एशियाई मूल के एक पुरस्कार विजेता ब्रिटिश फिल्म निर्माता हैं, जिनकी कहानियां अक्सर सामयिक सामाजिक विषयों से प्रभावित होती हैं।

फिल्म का कथानक: 96 मिनट लंबी यह फिल्म टेक्सास के बिग बेंड के विरान इलाके में फिल्माये जाने वाला एक रेगिस्तानी ड्रामा है, जहां एक सूने कम्यून पर एक अकेला ट्रेलर दिखाया गया है। यह इलाका गीना और उसके आपराधिक पति, क्लाइड के छुपने का ठिकाना है। अपने पति के मन-मर्जी और जोर-जबरदस्ती वाले व्यवहार से तंग आकर गीना ने जाने का फैसला कर लिया। तभी एक ट्रेलर अचानक न्यूयॉर्क से एक जोड़े को लेकर आता है। उनकी उपस्थिति से होने वाले जोखिमों को नजरअंदाज करते हुए, गीना ने क्लाइड को उन्हें रहने देने के लिए मना लिया। यह एक ऐसा निर्णय था, जिसके परिणाम खतरनाक होने थे। यह फिल्म आशा-निराशा के बीच झूलते हुए राहत खोजती है। इस तरह फिल्म दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।