भारत ने धार्मिक असहिष्णुता पर अमेरिकी रिपोर्ट को नजरंदाज किया

नई दिल्ली, 3 मई | भारत ने मंगलवार को कहा कि उसने अमेरिकी एजेंसी की उस रिपोर्ट का कोई संज्ञान नहीं लिया है जिसमें देश में धार्मिक असहिष्णुता बढ़ने को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को आड़े हाथ लिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रेलिजस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) की रिपोर्ट के बारे में कहा, “हमने उनकी रिपोर्ट का कोई संज्ञान नहीं लिया है।”

प्रवक्ता ने कहा, “वह रिपोर्ट भारत के संविधान, समाज और भारत की सही समझ को दर्शा पाने में असफल है।”

प्रवक्ता ने कहा, “भारत एक गुंजायमान बहुलवादी समाज है जो मजबूत लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर स्थित है। भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को बुनियादी अधिकारों की गारंटी देता है। इसमें धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी का अधिकार भी है।”

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सरकार समझती है कि यूएससीआईआरएफ जैसी किसी भी विदेशी संस्था को भारतीय नागरिकों की संविधान द्वारा संरक्षित अधिकारों पर अपना मत देने का अधिकार नहीं है।

यूएससीआईआरएफ की पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि धार्मिक असहिष्णुता बढ़ रही है और भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन किया जा रहा है। आरोप यह लगाया गया है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने चुपचाप रहकर हिंदू समूहों को समर्थन किया है और तनाव को और बढ़ाने के लिए धार्मिक विभाजनकारी भाषा का इस्तेमाल किया है।