जलमार्गों

भारत में 1,000 से अधिक जलमार्गों का निर्माण

भारत में 1,000 से अधिक जलमार्गों का निर्माण किया जा रहा है।
यह जानकारी प्रधानमंत्री मोदी ने 30 दिसंबर, 2022 को कोलकाता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में दी।
मोदी ने घोषणा करते हुए कहा कि 13 जनवरी, 2023 को दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज काशी से 2,300 किलोमीटर की यात्रा करके बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि हमारा उद्देश्य आधुनिक क्रूज जहाजों को भारतीय नदियों में चलाना है। जलमार्गों के पर्याप्त विकास के साथ, भारत का क्रूज पर्यटन क्षेत्र एक भव्य नई यात्रा शुरू करने के लिए तैयार है।
जलमार्गों के पर्याप्त विकास के साथ, भारत का क्रूज पर्यटन क्षेत्र एक भव्य नई यात्रा शुरू करने के लिए तैयार है।
बैठक के दौरान, प्रधान मंत्री ने नदी की स्वच्छता में जन आंदोलन और सार्वजनिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को मां गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प लेने की जरूरत है तभी सरकार के सभी प्रबंध सफल होंगे।
मोदी ने कहा कि मां गंगा की पवित्रता हमारी साझी विरासत है और हमारी जिम्मेदारी भी। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें एक अनमोल विरासत दी है और यह हमारी नियति है कि हम इस विरासत को आने वाली पीढ़ियों को उसी स्थिति में और उसी पवित्रता के साथ सौंपें।

बैठक से पहले, प्रधान मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नमामि गंगे और पेयजल और स्वच्छता परियोजनाओं का शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने कोलकाता में टॉलीनाला और गंगा की सहायक नदी आदि गंगा नदी के कायाकल्प के महत्व के बारे में बतया। 

 प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि नदियों की सफाई और कायाकल्प की दिशा में कार्यक्रम के तहत समग्र निवारक कदम उठाए जा रहे हैं। इन कदमों को देश की अन्य नदियों में दोहराने की जरूरत है, जो प्रदूषण की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विस्तार से बताया कि देश के अन्य हिस्सों में नदियों के लिए इस तरह की पहल को स्थानीय परिस्थितियों और आवश्यकताओं को देखते हुए विकसित करने की आवश्यकता है और इस प्रकार परिषद में चर्चा के परिणाम के माध्यम से इसे सुगम बनाया जा सकता है।