भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ नहीं, परियोजनाओं की जरूरत : जेलियांग

भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ नहीं, परियोजनाओं की जरूरत : जेलियांग

अगरतला, 25 सितम्बर | नागालैंड के मुख्यमंत्री टी.आर. जेलियांग ने कहा है कि भारत सरकार को भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ नहीं लगानी चाहिए, इसके बजाय विकास परियोजना लगाने की जरूरत है। उन्होंने सीमाई इलाके में कई निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंधों में ढील देने की जरूरत बताई।

जेलियांग ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “भारत सरकार को भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ खड़े करने की योजना छोड़ देनी चाहिए। यहां म्यांमार से लगी सीमा पर बुनियांदी ढांचे, विशेष तौर पर सड़क जैसी विकास परियोजनाएं शुरू करनी चाहिए।”

तीसरे पूर्वोत्तर संपर्क शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए जेलियांग ने यहां कहा, “चार पूर्वोत्तर राज्य -नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश- पहले ही केंद्र सरकार से भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की योजना बंद करने के लिए कह चुके हैं। केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है।”

उन्होंने कहा कि सीमा पर बाड़ नहीं होने से सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “विकास परियोजनाओं से सीमाई इलाके के लोग बड़े स्तर पर साथ आ सकेंगे। इससे उग्रवादियों, विरोधी तत्वों के नापाक और आपराधिक गतिविधियों में कमी आएगी।”

चार पूर्वोत्तर के राज्य -अरुणाचल प्रदेश (520 किमी), मणिपुर (398 किमी), नागालैंड (215 किमी) और मिजोरम (510 किमी)- म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी खुली सीमा साझा करते हैं।

जेयिलांग ने कहा, “स्वाभाविक तौर पर रोजमर्रा के कृषि और दूसरे कार्यो के लिए ग्रामीण अपनी गतिविधियां अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जारी रखते हैं, इसलिए सीमा पर बाड़ लगाना एक व्यावहारिक प्रस्ताव नहीं है।”

“दूसरी अनोखी विशेषता इस इलाके की खुली और असुरक्षित सीमा और मुक्त-आवागमन व्यवस्था के बावजूद यहां व्यावहारिक तौर पर मूल नागा निवासियों का अंतर्राष्ट्रीय सीमा से कोई पलायन नहीं है। ऐसा नागाओं के अपनी पैतृक भूमि से जुड़ाव और पारंपरिक भूमि धारण प्रणाली की वजह से है।”

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाके के कई निर्माण कार्यो में प्रतिबंधों में ढील दिए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “रक्षा और गृह मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा से हवाई दूरी से 25 किमी के दायरे में निर्माण और दूसरे विकास कार्यो में सुरक्षा के मद्देनजर कई प्रतिबंध लगाए हैं। पहाड़ी इलाकों में इस दूरी का बहुत महत्व है।”

नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-इसाक-मुइवा (एनएससीएन-आईएम) से शांति समझौते पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नागा शांति और विकास के साथ अपने लंबे समय से चल रही समस्याओं का शीध्र समाधान चाहते हैं।         –आईएएनएस