Electricity

वह महिला जो बेझिझक बिजली के खंभे पर चढ़ जाती है

Electricity वह बेझिझक बिजली के खंभों (Electric Pole) पर चढ़ जाती है और लोगों को निर्बाध बिजली (Electricity) आपूर्ति देकर खुश होती है।

तो आईये आपको बताते हैं उस हिम्मतवर महिला के बारे में जो अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए हर समय जोश और जुनून से भरी रहती है।

इनका नाम है  उषा जगदाले। महाराष्ट्र  के बीड जिले में आष्टी तालुका की उषा जगदाले महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के लिए एक लाइनमैन के रूप में काम करती हैं। वह एक किसान परिवार में जन्मी है । कभी वह राज्य स्तर पर एक एथलीट होती थी।

इस हिम्मतवर महिला के बारे में आज एआईआर (AIR) ने वीडियो के साथ एक रिपोर्ट में जानकारी दी है कि जीवन में विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए, महाराष्ट्र की बीड की एक महिला ने अपनी नौकरी को बरकरार रखने और अपने परिवार के निर्वाह में मदद करने के लिए जीवन में कई बाधाओं को दूर किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीड जिले में आष्टी तालुका की उषा जगदाले महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के लिए एक लाइनमैन के रूप में काम करती हैं और बेझिझक बिजली के खंभे (Electric Pole) पर चढ़ जाती है। किसान परिवार में जन्मी उषा के पास एक एथलीट का कौशल था।

उषा ने अपने स्कूल के दिनों में खो-खो खेल की कई प्रतियोगिताओं में में भाग लिया था और 11 स्वर्ण पदक जीते। उन्हें महाराष्ट्र की राज्य स्तरीय खो-खो टीम के कप्तान के रूप में भी चयन किया गया था। हालांकि, घर में मुश्किल हालात का सामना करते हुए, वह खेल में करियर नहीं बना सकीं।

उषा ने अपनी शादी के बाद अपने पति के साथ मिलकर परिवार के दूध के कारोबार में भी सहयोग दिया। फॉर्च्यून 2013 में उसके पक्ष में बदल गया, जब उसे स्पोर्ट्स कोटा के माध्यम से MSEDCL में एक तकनीशियन की नौकरी मिली।

आदिवासी ज़िले बीड में एक सब-डिवीजन में पोस्टिंग होने के बाद, सुश्री जगदाले को कार्यालय का काम सौंपा गया था, जो किसी भी महिला के लिए सुविधाजनक होता है किन्तु उन्होंने कार्यालय में नहीं बैठने और  बाहर जाकर काम करने का विकल्प चुना।

विपरीत परिस्थितियों में और मुश्किलों के समय वह सहयोगियों पर भरोसा न करते हुए, खुद बिजली (Electricity) के खंभे पर चढ़ जाती है और समस्या को ठीक करने की कोशिश करती है। इसके अलावा उषा की एक खासियत यह भी है कि वह उपभोक्ताओं की शिकायतों को प्रभावी ढंग से निपटाती है।

कोरोना महामारी के दौरान भी वह अपनी ड्यूटी बराबर निभा रही हैं और लॉकडाउन की अवधि में आम आदमी को निर्बाध बिजली की आपूर्ति में सहयोग कर रही हैं।

कह सकते हैं कि सुश्री उषा जगदाले ने अपने हिम्मत और हौंसले से दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की है और अन्य महिलाओं के लिए वे प्रेरणा बन गई हैं।