पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे किसी न किसी तरह चर्चा के केंद्र में

राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए सस्पेंस बरक़रार

राजस्थान में मुख्यमंत्री का पद रविवार शाम तक सस्पेंस के बीच फंसा हुआ है। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे किसी न किसी तरह चर्चा के केंद्र में है। इस बीच नवनिर्वाचित विधायक अजय सिंह और बाबू सिंह सहित लगभग 10 विधायकों ने 10 दिसंबर को राजे से जयपुर में उनके सिविल लाइंस आवास पर मुलाकात की।
राजस्थान विधानसभा चुनावों में 115 सीटें जीतने वाली भाजपा ने अभी तक अपना नेता चुनने के लिए विधायक दल की बैठक की घोषणा नहीं की है, ताकि मुख्यमंत्री चुना जा सके।
हालत देखकर अहसास होता है कि कुर्सी रेस चल रही है। दो बार मुख्यमंत्री रहीं राजे सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए जिन अन्य नामों पर विचार किया जा रहा है उनमें राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और दीया कुमारी भी शामिल हैं।
इससे पहले शनिवार को बाबा बालकनाथ ने अगले मुख्यमंत्री पद के लिए अपना नाम चर्चा में आने के बाद एक्स पर लिखा था, ”…चुनाव नतीजे आने के बाद मीडिया और सोशल मीडिया में चल रही चर्चाओं पर ध्यान न दें। मुझे अभी भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना बाकी है।”
बालकनाथ ने तिजारा से राजस्थान विधानसभा चुनाव जीता और बाद में अलवर से संसद सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया।वह बाबा मस्त नाथ मठ के आठवें महंत हैं।
बीजेपी ने विधायक दल की बैठक में निगरानी के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह समेत तीन पर्यवेक्षकों की घोषणा पहले ही कर दी है।
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा को 115 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं। राज्य की 200 में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को चुनाव हुए थे.