समाज दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील नहीं है : नायडू

नई दिल्ली, 30 मार्च (जनसमा)। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि देश की हर एक लाख आबादी में से 1,755 व्यक्ति दिव्यांग हैं। लगभग 8.40 फीसदी ग्रामीण घरों में और 6.10 फीसदी शहरी घरों में कम से कम एक दिव्यांग है। उन्होंने कहा कि 47 फीसदी दिव्यांग अविवाहित रह जाते हैं और लगभग 55 फीसदी निरक्षर हैं। नायडू ने कहा, ‘ये आंकड़े बताते है कि समाज दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील नहीं है, जिसके कारण उनका जीवन कठिन तथा चुनौतीपूर्ण हो जाता है।’

केंद्र सरकार ने बुधवार को ‘समावेशी एवं सहजता सूचकांक’ जारी किया। इसके तहत दिव्यांग कर्मचारियों और व्यक्तियों के प्रति विभिन्न सगंठनों के द्वारा किए जाने वाले व्यवहारों तथा कार्यप्रणालियों की पैमाइश की जाती है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग अधिकारिता विभाग द्वारा तैयार किए गए सूचकांक को एम. वेंकैया नायडू ने जारी किया।

समावेशी एवं सहजता सूचकांक संगठनों को सक्षम बनाता है कि वे दिव्यांगों के समर्थन और सहायता के संबंध में नीतियां तथा सांगठनिक संस्कृति तैयार कर सकें। इसके साथ दिव्यांगों के अनुकूल वातावरण बना सकें और उन्हें रोजगार दे सकें।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री नायडू ने कहा कि इस बात की जरूरत है कि सभी सार्वजनिक इमारतों में रैम्प बनाए जाएं, शौचालयों को इस तरह बनाया जाए कि व्हीलचेयर पर चलने वाले उनका इस्तेमाल कर सकें, लिफ्ट और ऐलिवेटर में ब्रेल-लिपि में संकेत दर्ज किए जाएं, अस्पतालों, बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन तथा हवाई अड्डों में रैम्प बनाए जाएं ताकि दिव्यांगों को सहायता मिल सके।

नायडू ने उम्मीद जाहिर की कि एक दिन कोई दिव्यांग माउंट एवरेस्ट पर अवश्य विजय प्राप्त करेगा, जो इस बात का सबूत होगा कि दिव्यांग हर बाधा को पार करने में सक्षम हैं।

सूचकांक को जारी करने के बाद वेंकैया नायडू ने कहा कि बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने पर दिव्यांग क्षमताभर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इमारतों, कार्यस्थलों, सार्वजनिक यातायात तथा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी इको प्रणाली में ऐसे काम किए जाने चाहिए ताकि दिव्यांग उनसे लाभ उठा सकें। मंत्री महोदय ने इस बात पर जोर दिया कि दिव्यांगों के प्रति असंवेदनशील मानसिकता को बदलने की जरूरत है। दिव्यांगों को ऐसा वातावरण उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि वह जीवन के हर क्षेत्र में योगदान कर सकें।