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हम चिदंबरम से दूरी नहीं बना रहे : कांग्रेस

नई दिल्ली, 20 अप्रैल | कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इशरत जहां मामले सहित किसी भी प्रशासनिक मामले में कभी दखलंदाजी नहीं की थी। साथ ही यह स्पष्ट किया कि वह इस मामले में पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम से दूरी बनाना नहीं चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां जारी एक बयान में कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विपरीत सोनिया गांधी व राहुल गांधी ने इशरत जहां मामले सहित किसी भी प्रशासनिक मामले में न तो तत्कालीन गृहमंत्री पी.चिदंबरम और न ही किसी अधिकारी के काम में किसी तरह का हस्तक्षेप किया और न ही कोई सुझाव दिया।”

प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए सुरजेवाला ने कहा, “नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को 125 करोड़ भारतीयों को इशरत जहां मामले की सुनवाई में बाधा पैदा करने के पीछे छिपी ‘असल मंशा’ से अवगत कराना चाहिए।”

सुरजेवाला ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को गलत ढंग से इशरत जहां मामले से जोड़ कर उनकी भूमिका के बारे में अफवाह फैलाने के लिए अपने साथियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।”

सोनिया और राहुल का बचाव करके क्या कांग्रेस चिदंबरम से दूरी बना रही है? इस सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा, चिदंबरम पूरे मुद्दे को विस्तार से स्पष्ट कर चुके हैं। पहले शपथपत्र में यह कहा गया था कि इशरत जहां और उसके साथी लश्कर-ए-तैयबा के मॉड्यूल का हिस्सा हो सकते हैं।

उन्होंने कहा, “दूसरे शपथपत्र में जो कहा गया, वह यह था कि कोई लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा है या नहीं, इसकी जांच निश्चित रूप से जांच कर रही एजेंसी की जिम्मेदारी है। ऐसा इसलिए क्योंकि खुफिया ब्यूरो केवल खुफिया सूचना मुहैया कराता है। इसलिए किसी खास के चरित्र के बारे में निर्णय लेने से पहले अनिवार्य रूप से जांच करना चाहिए। इसलिए दोनों शपथपत्रों में किसी तरह का कोई विरोधाभास नहीं है। हम उनसे दूरी नहीं बना रहे हैं।”

सुरजेवाला ने कहा, “इस तरह के शातिर प्रयासों से नरेंद्र मोदी और अमित शाह देश की जनता का ध्यान भटका रहे हैं, लेकिन वे सच्चाई को दबा नहीं सकते।”

इशरत जहां मुठभेड़ मामले में केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण तथा भाजपा के अन्य प्रवक्ताओं के बयानों के बाद कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया सामने आई है।

निर्मला सीतारमण व भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इशरत जहां मामले में सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इनका कहना है कि कांग्रेस ने गुजरात में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को खत्म करने की साजिश रची थी।

सीतारमण ने सोमवार को कहा, “यहां राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे, जिनका मुकाबला कांग्रेस राजनीतिक तौर पर नहीं कर सकती थी। इसलिए उसने चुपचाप एक आतंकी साजिश को शह दी। इशरत जहां मुठभेड़ मामले का राजनीतिकरण कर कांग्रेस ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया। उन्होंने पूरे सुरक्षा नेटवर्क को कमजोर किया।”

वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने जोर देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इस बात का जवाब देना चाहिए कि वे अहमदाबाद की महानगर अदालत तथा गुजरात उच्च न्यायालय की खंडपीठ के निष्कर्ष से क्यों कन्नी काटने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस ने कहा, “केंद्र सरकार व गुजरात सरकार उन अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी क्यों नहीं दे रही, जो इशरत जहां और उसके साथियों के फर्जी मुठभेड़ के जिम्मेदार थे? प्रधानमंत्री व भाजपा अध्यक्ष आखिर क्यों मामले की जारी सुनवाई में बाधा पैदा करने व न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रहे हैं? “