छग : बालिकाओं की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी के लिए कार्य योजनाएं

रायपुर, 04 अक्टूबर (जस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर छत्तीसगढ़ में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत बालिकाओं की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी के लिए कार्य योजनाएं चलायी जा रही है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना 22 जनवरी 2015 से लागू की गई है। इस योजना के तहत देश के 100 जिलों को चयनित किया गया है। इन 100 जिलों में से छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले का चयन हुआ है। रायगढ़ जिले में वर्ष 2011 में बाल लिंगानुपात 943 है, जो कि राष्ट्रीय औसत 918 से अधिक है। इस योजना का उद्देश्य बच्चों के जन्म के समय लिंग चयन तथा विभेद को समाप्त करना। बालिकाओं की सुरक्षा तथा शिक्षा को सुनिश्चित करना है। जनगणना 2011 के अनुसार छत्तीसगढ़ में स्त्री-पुरूष अनुपात  1000: 991 है तथा बाल लिंगानुपात ( 0 से 06 वर्ष की आयु 1000: 969) है। 2001 में यह अनुपात 1000: 971 था। उपरोक्त आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि राज्य में 0-06 वर्ष बालिकाओं का प्रतिशत घटा है।

प्रदेश में छात्राओं को अब स्नातक स्तर तक की शिक्षा निःशुल्क मिल रही है। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए सरस्वती साइकिल योजना की संचालित है, जिसके तहत गरीब परिवार की कक्षा 9वीं की बालिकाओं को निःशुल्क साइकिल वितरित किया जा रहा है। रायगढ़ के मुख्य चौक का नाम बेटी बचाओ चौक रखा गया है। इस प्रकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना छत्तीसगढ़ में कारगर ढंग से संचालित है।

‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के अंतर्गत बिलासपुर संभाग के पांचों जिलों में लाडली नोनी कार्यक्रम के रूप में अभिनव प्रयास किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत सभी शासकीय व निजी सोनोग्राफी सेंटर में एक्टिव ट्रेकर नाम डिवाइस इंस्टाल किया गया है। इस प्रयास से पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत फॉर्म-एफ की रिर्पोटिंग में धांधली बंद हो गई। इस डिवाइस को लगाने से लिंग परीक्षण पर रोक लगाने में सफलता मिली है।

संभागीय कमिश्नर बिलासपुर द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट एवं ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के क्रियान्वयन हेतु लाडली नोनी वेबसाइट ‘लाडली नोनी डॉट ओआरजी’ तैयार कराई गई है। प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्रों में गुड्डा/गुड्डी बोर्ड लगाये गये हैं। विभिन्न स्तरों में प्रशिक्षण, कार्यशाला, उन्मुखीकरण कार्यक्रम, रैलियां कैंडल मार्च निरंतर आयोजित किये जा रहे हैं। बालिका के जन्म पर उत्सव आयोजित किये जा रहे है। प्रत्येक पंचायत विकासखंड एवं शालाओं में समितियों का निर्माण कर नियमित बैठक आयोजित की जा रही है।

फोटो साभार: लाडली नोनी डॉट ओआरजी