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नोटबंदी के बाद 15.28 लाख करोड़ रुपये प्रचलन में वापस लौटे

नई दिल्ली, 30 अगस्त  (जनसमा)|  भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि देश में प्रचलन में रहे 15.44 लाख करोड़ रुपये के प्रतिबंधित नोट में से 15.28 लाख करोड़ रुपये लोगों द्वारा नए नोट से बदलने के कारण प्रचलन में वापस लौट चुके हैं।

“सत्यापन प्रक्रिया के आधार पर भविष्य के सुधार के अधीन 30 जून, 2017 तक प्राप्त एसबीएन का अनुमानित मूल्य 1,528 अरब रुपये था।

आरबीआई ने 2016-17  की रिपोर्ट में कहा कि पिछले वित्त वर्ष में प्रतिबंधित 1,000 रुपये के कुल 8.9 करोड़ नोट, जिसका मूल्य 8,900 करोड़ रुपये है, वह प्रणाली में वापस नहीं लौटे, जबकि उस समय प्रचलन में 1,000 रुपये के कुल 670 करोड़ नोट थे।

सरकार ने 8 नवंबर ,  2016 को देश में काले धन को समाप्त करने के उद्देश्य से   500 रुपये और 1,000 रुपये पर प्रतिबंध लगा दिया था। नोटबंदी की घोषणा के दिन प्रचलन में कुल 17.97 लाख करोड़ नोट थे, जिसमें से 86 फीसदी या 15.44 लाख करोड़ नोट 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट की शक्ल में थे, जिन्हें अवैध घोषित कर दिया गया।

आरबीआई ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में कुल 7,62,072 नकली नोट पकड़े गए हैं, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान कुल 6,32,926 नकली नोट जब्त किए गए थे।

 

सरकार ने  500 रुपये पुराने नोटों के  बदले नया नोट जारी किया किन्तु एक हजार रुपये मूल्य के नोट के बदले कोई समान विकल्प नहीं दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रा की छपाई की लागत पिछले साल की तुलना में दोगुनी होकर 7,965 करोड़ रुपये हो गई जो कि पिछले साल 3,421 करोड़ रुपये  थी।

इसके अलावा, 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट्स  के साथ ही आरबीआई ने 200 रुपये के नए नोट भी मुद्रित किए हैं।