Kashmir_Amit Shah

अमित शाह ने कहा धारा 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में पूरी तरह शांति

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा कि धारा 370 के निरस्त होने के बाद (scrapping Article 370 ) कश्मीर (Kashmir)में पूरी तरह शांति (Complete Peace) है और कोई आतंकवादी हमला या हिंसा की घटना नहीं हुई है।

अमित शाह नई दिल्ली में 29 सितंबर,2019 को संकल्प – पूर्व सिविल सर्वेंट्स फोरम (Former Civil Servants Forum) में राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

शाह ने बताया कि कश्मीर (Kashmir) में वर्तमान में 196 थानों में से सिर्फ 8 में धारा 144 लागू है।

अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा – वर्तमान परिप्रेक्ष्‍य विषय पर बोलते हुए कहा कि 1949 से कश्मीर (Kashmir) चर्चा और विचार का विषय है, अंग्रेजों का कहना था कि भारत को आजाद तो करेंगे लेकिन आंसुओं के साथ।

शाह ने कहा कि अखंड भारत को बनाने में सरदार पटेल की भूमिका महत्वपूर्ण है।

उन्‍होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद 630 रियासतें सरदार पटेल देखते थे और एक रियासत प्रधानमंत्री का ऑफिस देख रहा था और 630 रियासतों को एक करने में समय नहीं लगा किंतु प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा देखी जाने वाली उस एक रियासत को अखंड भारत का हिस्सा बनाने में 5 अगस्त 2019 तक का समय लग गया।

शाह ने यह भी कहा कि 20 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी सेना और कबीलों ने मिलकर जम्मू कश्मीर (Jannu Kashmir)  पर हमला कर दिया। 26 अक्टूबर को महाराजा हरिसिंह जम्मू-कश्मीर के विलय को तैयार हुए और जम्मू और कश्मीर पूरा का पूरा भारतीय संघ का हिस्सा बन गया। 27 अक्टूबर को भारत की सेना वहां पहुंच गई एक के बाद एक इलाकों से पाक घुसपैठियों तथा पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया।

शाह ने कहा कि हम लगभग युद्ध जीतने की स्थिति में थे तभी युद्धविराम की घोषणा कर दी गई थी जिसके कारण जम्मू-कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के पास रह गया जिसे आज पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर के नाम से जाना जाता है।

शाह ने यह भी कहा कि जब हमारी सेना जीत रही थी तो क्या कारण थे कि अचानक युद्ध विराम किया गया।

उन्होंने कहा कि यदि युद्ध विराम नहीं होता तो पूरा का पूरा कश्मीर 9Kashmir) आज भारत के पास होता।

अमित शाह ने कहा कि विपक्ष का कहना था कि धारा 370 (Article 370) कश्मीरियत (Kashmiriyat) की रक्षा करने के लिए है लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि देश में सभी राज्यों को बोलियां, भाषाएं और संस्कृति पूरे सम्मान के साथ हैं इसलिए जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की संस्कृति भी यथावत रहेगी।

उनका यह भी कहना था कि धारा 370 से कश्मीर की संस्कृति केवल एक जगह तक सीमित रह गई थी किंतु धारा 370 हटने के बाद कश्मीर की संस्कृति पूरे देश में जाएगी।

अमित शाह का कहना था कि धारा 370 हटने से पूर्व जम्‍मू-कश्‍मीर में एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो भी नहीं था और आजादी के बाद केंद्र सरकार द्वारा 2,77,000 करोड रुपए भेजे गए किंतु भ्रष्‍टाचार के कारण राज्‍य का विकास नहीं हो सका।

अमित शाह का कहना था कि हर अभूतपूर्व सुधार में शुरुआती समस्याएं होती हैं और ऐसे फैसलों का फल लेने के लिए लोगों को धैर्य रखने की जरूरत है।

उन्होंने नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि देश की जनता सरकार के फैसले का स्‍वागत कर रही है।

अमित शाह का कहना था कि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने हमेशा यह माना कि जम्‍मू-कश्मीर में धारा 370 देश की एकता के लिए ठीक नहीं थी।

कुछ लोगों का कहना है कि धारा 370 हटाने का राजनीतिक कारण है किंतु हमारी मान्‍यता शुरू से ही कश्‍मीर की जनता को धारा 370 से मुक्‍त करने की थी।

शाह ने कहा जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी ने 11 अलग-अलग आंदोलन किए जो धारा 370 हटाने के लिए थे।

उनका कहना था कि जन संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी जब जम्मू कश्मीर गए तब उनके पास परमिशन नहीं थी और उनका मानना था कि हम अपने देश में कहीं भी जाएं परमिशन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।

शाह ने यह भी कहा कि जम्‍मू-कश्मीर के लिए सबसे पहले जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया और कहा था कि एक देश में दो निशान, दो प्रधान, दो संविधान नहीं हो सकते।

शाह ने कहा कि जिन्‍होंने गलती की उन्‍हीं के हाथ में इतिहास लिखने की जिम्‍मेदारी भी थी इसलिए सच को छिपाया गया।

शाह का कहना था कि सच्चा इतिहास लिखा जाए और इसकी जानकारी सभी भारतीयों को दीजाए।

उनका कहना था कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने के साथ ही अखंड भारत के सपने को साकार किया गया है।

 

उनका कहना था कि बहुत जल्द ही धारा 370 हटने के बाद के प्रभाव नजर आएंगे और जम्मू-कश्मीर की जनता को सरकार के द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

उनका यह भी कहना था कि राज्‍य में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं तथा आने वाले समय में जम्मू-कश्‍मीर देश का सबसे विकसित राज्‍य होगा।