बिहार के बजट में शिक्षा और ग्रामीण विकास पर जोर

पटना, 27 फरवरी | बिहार के वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सोमवार को बिहार विधानसभा में वर्ष 2017-18 का बजट पेश किया। इस बजट में कुल 160085.69 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वार्षिक बजट से 15389.42 करोड़ रुपये ज्यादा है। इस बजट में सरकार के ‘सात निश्चयों’ के अलावा शिक्षा और ग्रामीण विकास पर जोर दिया गया है, जबकि स्वास्थ्य और उर्जा पर पिछले वर्ष की तुलना में कम खर्च करने का प्रावधान किया गया है।

फोटो : पटना में बिहार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी विधानसभा में बिहार का बजट पेश करने जाते हुए। (फोटो: आईएएनएस)

बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि नए वित्तीय वर्ष में राज्य में बैंकों की संख्या बढ़ाई जाएगी तथा खाताधारियों को प्लास्टिक मनी देने पर जोर दिया जाएगा। नोटबंदी के बाद के झंझावातों से उबरने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कर की चोरी रोकने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

अपने 20 मिनट के बजट भाषण में सिद्दीकी ने कहा कि बजट में विकास, गरीबी उन्मूलन और वित्तीय स्थायित्व पर जोर दिया गया है। इस बार फिर से सात निश्चयों पर जोर किया गया है।

उन्होंने कहा, “इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क और कृषि समेत सात निश्चय कार्यक्रम के तहत होने वाले कार्यो को प्राथमिकता दी गई है। प्राथमिकता के आधार पर सात निश्चय की योजनाओं को राशि आवंटित की गई है। महिलाओं के लिया विशेष ध्यान दिया गया है।”

इस बजट में शिक्षा पर जोर देने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बजट में शिक्षा के क्षेत्र में 14217.89 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो बजट की राशि का 17 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि इसी तरह इस बजट की राशि का ग्रामीण विकास पर 12.02 प्रतिशत जबकि ग्रामीण कार्य विभाग के लिए बजट की राशि का 10.53 प्रतिशत खर्च किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।

बजट की राशि का स्वास्थ्य के लिए जहां 4.41 प्रतिशत खर्च करने का प्रस्ताव रखा गया है, वहीं ऊर्जा के लिए मात्र 8.40 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है। पिछले वर्ष राज्य में ऊर्जा विभाग के लिए 14367.84 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया था, जबकि इस बजट में ऊर्जा के लिए 6795.60 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है।

वित्तमंत्री ने कहा कि बुनकरों की स्थिति बेहतर करने की जरूरत है। इसके लिए उनके कौशल विकास पर खासा ध्यान इस बजट में दिया गया है।

सिद्दीकी ने कहा कि बिहार में सामाजिक न्याय के शराबबंदी लागू की गई है, शराबबंदी में जिस तरह से लोगों की सहभागिता मिल रही है वह सराहनीय है।

केंद्र सरकार द्वारा विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि केंद्रीय सहायता मिलने के बाद बिहार का विकास और तेज होता।            –आईएएनएस