जीएसटी कानून के कुछ प्रावधानों पर कैट एवं टैली की चिंता

नई दिल्ली, 13 मार्च (जनसमा)|अब से कुछ महीने बाद अप्रत्यक्ष करों का अब तक का सबसे बड़ा सुधार जीएसटी कानून देश में लागू होने वाला है एवं जिसको लेकर कानून निर्माता आखिरी दौर की तैयारी में जुटे हैं जिससे एक सर्वसम्मत कानून संसद एवं विधानसभाओं में पारित हो सके ! व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं देश में एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की प्रमुख कंपनी टैली सॉल्यूशंस लिमिटेड ने जीएसटी का पूर्ण रूप से समर्थन करते हुए छोटे व्यावसायियों से सम्बंधित कुछ प्रावधानों पर चिंता जताते हुए सुधार का आग्रह किया है !

देश में लगभग 6 करोड़ छोटे व्यावसायी हैं जिनमें से अधिकांश को जीएसटी के अन्तर्गत आना पड़ेगा !इस कड़ी में जीएसटी में यह प्रावधान किया गया है की माल खरीदने वाले को दिए हुए कर का पूरा लाभ (इनपुट क्रेडिट) तभी मिलेगा जब माल बेचने वाला प्राप्त किये हुए कर को सरकार के राजस्व में जमा कराये! इस प्रावधान से कर की पालना करने वाले लोग निश्चित रूप से हतोत्साहित होंगे !

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह संतोष की बात है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के प्रयासों से सभी राज्यों एवं केंद्र सरकार में जीएसटी पर बनी सहमति से अब इस कानून पर लगे अनिश्चितता के बादल छट गए हैं ! व्यापारियों एवं अन्य वर्गों को निश्चित रूप से जीएसटी कानून में बड़ा लाभ होने वाला है ! लेकिन यदि इनपुट क्रेडिट के प्रस्तावित प्रावधान में सुधार नहीं किया गया तो बड़ी संख्यां में व्यापारियों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा !

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया ने कहा की देश के व्यापारियों की ओर से हम केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली का ध्यान इस विसंगति की ओर आकृष्ट करते हुए आग्रह करते हैं की इसे सुधारा जाए ! उन्होंने कहा की इनऑउट क्रेडिट जीएसटी कानून की आत्मा और मूल आधार है और इस को लेकर व्यापारियों को जीएसटी कानून में परिवर्तित होते हुए कोई परेशानी न आये, यह सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है !

टैली सॉल्यूशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर भरत गोयनका ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि जीएसटी भारत के बाजार में समान प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा और सारा भारत एक बाजार होगा किंतु जीएसटी कानून के कुछ प्रावधान छोटे व्यावसायियों के लिए अनेक परेशानियों का कारण बन सकते हैं जिसमें विशेष तौर पर इनपुट क्रेडिट का सरलता से न मिलना है वहीँ दूसरी ओर व्यापारियों की रेटिंग का प्रावधान बाजार में मुद्रा की तरलता को प्रभावित करेगा जिससे व्यापारियों पर अनावश्यक दबाव बनेगा ! इस दृष्टि से इनपुट क्रेडिट को कर भुगतान से जोड़ने की बजाय टेक्नोलॉजी द्वारा जमा कराई गयी रिटर्न से जोड़ना बेहतर होगा!