कश्मीर में पैलेट की जगह ले सकता है ‘मिर्ची बम’

नई दिल्ली, 26 अगस्त | जम्मू एवं कश्मीर में प्रदर्शनकारियों की भीड़ से निपटने के लिए सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की समिति ने पैलेट की जगह मिर्च से भरी छोटी गोलियों की सिफारिश की है। सरकार के सूत्रों ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा कि सात सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसने पैलेट की जगह पीएवीए के इस्तेमाल की सिफारिश की है। प्रकृति में पाए जाने वाले मिर्च में यह रसायन होता है, जो जलन पैदा करता है।

कश्मीरी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पैलेट गन के इस्तेमाल की वैश्विक स्तर पर आलोचना के बाद यह सिफारिश सामने आई है। पैलेट से कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है, जबकि हजारों नागरिक विकलांग हुए हैं या आंखों की रोशनी खो चुके हैं।

प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए इन गनों में पेलारगोनिक एसिड वैनिलाइल अमाइड या पीएवीए इस्तेमाल की जाएगी, जो मिर्च में पाया जाने वाला एक यौगिक है।

दंगा नियंत्रण के लिए कई देशों में इसका इस्तेमाल पेपर शॉट्स के रूप में होता है।

बंदूक से निकलने के बाद यह बाहर फूट जाता है और जलन पैदा करने वाला यौगिक बाहर निकालता है। इसका इस्तेमाल 150 फुट की दूरी से किया जा सकता है।

पैलेट की तरह चिली पेपर बॉल चमड़ी को नहीं भेदता है, जिसके कारण यह कम खतरनाक है।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को श्रीनगर में घोषणा की कि समिति ने पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और कश्मीर में पैलेट गन के विकल्प पर फैसला कुछ ही दिनों में ले लिया जाएगा।

–आईएएनएस