मप्र : हिन्दी भाषा की सभी बोलियों का किया जाएगा संकलन

भोपाल, 17 अगस्त (जस)। मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि मध्यप्रदेश में हिन्दी भाषा की जितनी भी बोलियाँ हैं, उनका संकलन करने की योजना बनाई जाये। इसी तरह विभिन्न अंचल की जन्म से विवाह तक की परम्पराओं की लोक-रीतियों का संकलन किया जाये। त्यौहार और विवाह इत्यादि में गाये जाने वाले लोक-गीत, जो केवल पुरानी पीढ़ी के पास सुरक्षित है, उन्हें पुस्तक का रूप दिया जाये, जिससे यह धरोहर लुप्त नहीं हो।

जयभान सिंह पवैया ने बुधवार को मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी और व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ की गतिविधियों की समीक्षा की। पवैया ने कहा कि भारत के प्रख्यात साहित्यकारों के नामचीन काव्य, ग्रंथ और अन्य साहित्यिक कृतियों से समृद्ध पुस्तकालय हिन्दी ग्रंथ अकादमी में बनाया जाये। इससे शोधार्थी छात्र को दुर्लभ पुस्तक आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।

मंत्री पवैया ने निर्देश दिये कि व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ व्यापक और असरकारी बनाया जाये। इसकी गतिविधियों का प्रभाव महाविद्यालय परिसर में छात्रों के मन-मानस पर दिखाई दे। छात्रों पर इसका प्रकाश नैतिक मूल्यों और देश-भक्ति के रूप में परिलक्षित हो।

मंत्री ने कहा कि अकादमी के जरिये अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क पुस्तक वितरण में दिव्यांग बच्चों को भी शामिल किया जाये। यह देश में पहली बार होगा। उन्होंने कहा कि शब्दकोश का भी प्रकाशन किया जाये। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भारतरत्न पं. मदनमोहन मालवीय पर केन्द्रित पुस्तकों का प्रकाशन भी हो।

पवैया ने कहा कि अकादमी द्वारा विश्वविद्यालय और जिला-स्तर पर चेतन प्रवाह विमर्श गोष्ठियाँ कर छात्रों को प्रोत्साहित किया जाये। गोष्ठियों में मुख्यालय के प्राचार्यों को भी शामिल किया जाये। पवैया ने इस मौके पर व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने अकादमी का निरीक्षण भी किया।