जीएसटी लागू होने से सभी मुश्किलें दूर हो जाएंगी : योगी

लखनऊ, 17 मई (जनसमा)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में उत्तर प्रदेश माल और सेवाकर विधेयक 2017 (जीएसटी बिल) के सम्बन्ध में अपनी बात रखते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद अप्रत्यक्ष करों की अधिकता और विसंगतियां हमेशा ही चिन्ता का विषय रही हैं। इससे व्यापारी और उपभोक्ता दोनों ही प्रभावित रहे हैं। साथ ही, केन्द्र और राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व में भी दिक्कतें होती थीं। उन्होंने कहा कि जीएसटी के लागू होने से अब सभी मुश्किलें दूर हो जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में व्यापक आर्थिक सुधारों को लागू करने के लिए जीएसटी पर वर्ष 2014 से लगातार कार्रवाई की जा रही है।

योगी ने कहा कि यह बिल देश में चल रहे आर्थिक सुधारों का एक महत्वपूर्ण आधार है। विभिन्न प्रकार के करों की बहुलता के कारण व्यापारी और उपभोक्ता दोनों परेशान थे, जीएसटी लागू होने से दोनों को राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी एक क्रान्तिकारी कदम है, जिसके लागू होने से विभिन्न केन्द्रीय कर जैसे-केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, दवाओं-प्रसाधनों पर लगने वाला अतिरिक्त उत्पाद कर, अतिरिक्त सीमा शुल्क, सेवा कर, केन्द्रीय अधिशुल्क और उपकर के अलावा राज्य में लगने वाले वैट, प्रवेश कर, मनोरंजन कर, स्थानीय कर इत्यादि समाप्त हो जाएंगे। राज्य में लगने वाले विभिन्न प्रकार के केन्द्रीय और राज्य करों की एकरूपता की दिशा में जीएसटी काउन्सिल और उत्तर प्रदेश सरकार (जिसमें प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार और जीएसटी काउन्सिल के मध्य हुई 11 मीटिंग सम्मिलित हैं) के मध्य हुई बैठकों में दिये गये प्रस्तावों पर काउन्सिल द्वारा सहमति दी जा चुकी है।

योगी ने कहा कि जीएसटी लागू होने से सामाजिक समता के साथ-साथ आर्थिक समता भी आएगी। उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों की विधायिकाओं पर इस बिल को पारित करने का उत्तरदायित्व है, ताकि इस आर्थिक सुधार कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सके। इसी क्रम में आज उत्तर प्रदेश विधान सभा में जीएसटी बिल को पारित कराये जाने की दिशा में कार्रवाई की जा रही  है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी को पारित कर भारत की संसद में आर्थिक संघवाद की एक नई और प्रभावशाली अवधारणा प्रस्तुत की है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में जीएसटी 1 जुलाई, 2017 से तभी लागू हो पाएगा, जब देश के सभी राज्यों की विधान सभाएं इसे पारित कर देंगी।