Yogi was addressing the inauguration and foundation stone laying ceremony of various schemes of the Tourism Departmen

यूपी में आ रहे प्रदेश की आबादी से दोगुने टूरिस्ट

लखनऊ, 05 मार्च। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये बताते हुए खुशी जाहिर की है कि यूपी में आज प्रदेश की आबादी से दोगुनी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं।

योगी सोमवार को लोकभवन सभागार में आयोजित पर्यटन विभाग की विभिन्न योजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 2758 करोड़ की 762 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश के सभी 75 जनपदों में और सभी 403 विधानसभा क्षेत्र में किसी न किसी पर्यटन स्थल को व्यवस्थित रूप से विकसित करने के लिए प्रो पुअर योजना, मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना एवं जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर आधारित योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण एक साथ हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सभी को नया यूपी देखने को मिल रहा है। काशी में काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या में अयोध्या धाम, नैमिष में नैमिष तीर्थ आज पुनर्जीवित हो गया है। विंध्यवासिनी कॉरीडोर नये रूप में है। बृजभूमि फिर से दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

प्रयागराज का कुंभ, चित्रकूट, शुकतीर्थ, बौद्ध, सूफी, भक्ति और शक्ति के केंद्र के साथ ही हेरिटेज और ईको टूरिज्म को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाने का परिणाम है कि जिस यूपी में पहले कोई आना नहीं चाहता था, आज प्रदेश की आबादी से दोगुने टूरिस्ट यहां आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी अब उपद्रव नहीं उत्सव की भूमि बन चुका है। यूपी आज बीमारू नहीं बल्कि रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। सबसे ज्यादा निवेश यहां आ रहा है। इसमें भी सर्विस सेक्टर की बड़ी भूमिका है। अच्छे होटल, अच्छे रेस्टोरेंट आ रहे हैं।

सीएम योगी ने स्प्रिचुअल टूरिज्म के साथ साथ बुंदेलखंड के किलों को पर्यटन के दृष्टि से विकसित करने की बात कही। उन्होंने पर्यटन विभाग को इस संबंध में जल्द से जल्द पॉलिसी लाकर आगे बढ़ने के लिए कहा।

सीएम योगी ने डिजिटल टूरिस्ट मैप तैयार करने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही यह भी कहा कि प्रदेश के हर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर टूरिस्ट डेस्क की स्थापना की जाए। जहां से वहां आने वाले पर्यटकों को ये मालूम हो सके कि यहां महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल कौन कौन से हैं, रुकने और खाने-पीने के लिए क्या व्यवस्था है।