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चार घंटे चला फूली बाई के नवजात शिशु का आॅपरेशन

जयपुर, 04 अगस्त (जनसमा)। करीब चार घंटे चले इस कठिन ऑपरेशन में एक शिशु के शरीर से जुड़े एक अन्य अविकसित शिशु के अंगों को आॅपरेशन द्वारा हटा दिया गया। अब यह शिशु स्वस्थ है और जेके लॉन अस्पताल के सर्जिकल नर्सरी  वार्ड में भर्ती है, जहां चिकित्सकों की देखरेख में इसका निःशुल्क इलाज चल रहा है।

यह कहानी है  सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा कस्बे की गरीब आदिवासी फूली बाई की । फूली बाई ने अस्पताल में जब एक विचित्र शिशु  को जन्म दिया तो उसकी खुशियां तनाव में तब्दील हो गई।

नवजात शिशु  के पेट पर एक अर्द्ध विकसित शिशु के अंग जुड़े हुए थे। शिशु  के दो के स्थान पर चार पांव थे। इसके अतिरिक्त दूसरे अंग भी एक के स्थान पर दो थे। शिशु  का इलाज कैसे कराए, पैसा कहां से लाए, कैसे बच्चे को स्वस्थ जीवन दे, आदिवासी फूली बाई और उसके परिवार को कुछ भी नहीं सूझ रहा था।

जीवन और मृत्यु से जूझ रहे इस शिशु  के परिजनों को जब पता चला कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना इसके इलाज में मददगार साबित हो सकती है तो उम्मीद की एक नन्ही किरण उन्हें दिखाई दी।

चिकित्सा प्रशासन ने भी इस बालक की जान बचाने में मदद की। तत्काल इसे उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल भेजा गया लेकिन वहां भी इलाज संभव नहीं हो सका।

उदयपुर से यह शिशु एम्बूलेंस से जयपुर के जेके लॉन अस्पताल लाया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय को जब इसका पता चला तो जेके लॉन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता को नवजात की बेहतर चिकित्सा के निर्देश दिए।

अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि हमारे सीनियर प्रोफेसर एवं यूनिट हैड पीडियाट्रिक सर्जरी डॉ. प्रवीण माथुर के नेतृत्व में डॉ. श्रीकेत सिंह, डॉ. दिनेश कुमार बारोलिया ने डॉ. नीलम डोगरा तथा डॉ. अनुपमा गुप्ता के सहयोग से इस शिशु  का भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में निःशुल्क सफल ऑपरेशन किया।

मुख्यमंत्री ने शिशु  के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। ऑपरेशन के बाद शिशु  का पिता रमेश मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे का आभार जताते नहीं थक रहा है।
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