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जयपुर में हाथी गांव के विकास से महावत परिवारों की आय बढ़ेगी

हाथी गांव में सुविधाओं का विकास होने से जयपुर में पर्यटकों को हाथियों की जीवन शैली नजदीक से जानने का अवसर एक ही स्थान पर मिल रहा है। जिन महावत परिवारों के पास पहले जीविकोपार्जन के लिए हाथी की सवारी ही माध्यम था, आज उनके पास हाथी पर्यटन से आय का दूसरा विकल्प भी मौजूद है। आमेर से हाथियों के पुनर्वास का सपना पूरा होना हाथियों तथा महावत परिवारों के लिए भी एक बड़ी राहत है।

ये बातें कही राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने।  श्रीमती राजे रविवार , 10 दिसम्बर को हाथी गांव में ’वाइल्डलाइफ मैटर्स राजस्थान 2014-17’ रिपोर्ट की लान्चिंग के अवसर पर सम्बोधित कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाथी गांव में विकसित हो रही सुविधाओं के बाद महावत परिवारों की आजीविका में बढ़ोतरी होगी। एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं और व्यवस्थाएं उपलब्ध होने से यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और महावत परिवारों को आय के वैकल्पिक स्रोत मिलेंगे।

उन्होंने प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण पर तैयार रिपोर्ट ’वाइल्डलाइफ मैटर्स’ का विमोचन करते हुए कहा कि महावत परिवारों और हाथियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने का सपना पूरा होने लगा है। उन्होंने 8 करोड़ रुपए की लागत से हाथी गांव में कराए गए विकास कार्यों का अवलोकन भी किया।

महावत परिवारों को बांटे थान आवंटन पत्र

श्रीमती राजे ने इससे पहले 10 महावत परिवारों को हाथी थान आवंटन पत्र सौंपे। उन्होंने महावत परिवारों के सदस्यों से बात की और महिलाओं से मिलकर हाथी गांव में हो रहे विकास से उन्हें मिल रही सुविधाओं का फीडबैक लिया। उन्होंने हाथियों की दिनचर्या को दर्शाती एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री को लेखिका सुश्री तृप्ति पांडे ने हाथियों पर आधारित उनकी लिखी पुस्तक ’इंडियाज एलीफेंटः ए कल्चरल लीगेसी’ की प्रति भेंट की।