Rupani

गुजरात ने औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन के तहत नया कीर्तिमान हासिल किया

गुजरात ने औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन (Industrial Entrepreneurs Memorandum) के तहत पूरे देश में सबसे अधिक 51% उद्यमी ज्ञापन प्राप्त कर औद्योगिक निवेश में नया कीर्तिमान हासिल किया है।

भारत में आए कुल औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन (IEMs)  में से 6 लाख 78 हज़ार 852 करोड़ रुपए पूंजी निवेश में से अकेले गुजरात में 3 लाख 43 हज़ार 834 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ है।

इस श्रेणी में देश में दूसरे क्रम में महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र ने 1 लाख 15 हज़ार 277 करोड़ रुपए के औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन  हासिल किए हैं।

देश की कुल जनसंख्या का 5 प्रतिशत जनसंख्या वाले गुजरात ने, देश में आए कुल IEMs में आधे से अधिक औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन (IEMs ) हासिल किया है।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस उपलब्धि में दूसरे नंबर पर रहने वाले राज्य महाराष्ट्र की तुलना में गुजरात में तीन गुना अधिक निवेशआया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Vijay Rupani) की पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन के साथ राज्य में उद्योगों को प्रेरित करने के लिए ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस का और अधिक विस्तार हुआ है।

गुजरात ने सिंगल विंडों क्लियरेंस को भी सफलतापूर्वक लागू किया गया है।

इससे राज्य में उद्योग स्थापित करने में काफी आसानी हो गई है।

गुजरात में उद्योग की स्थापना की इच्छा रखने वाले उद्योगपतियों को सरलता से ज़मीन व बिना किसी देरी के सभी ज़रूरी स्वीकृतियां दे दी जाती हैं।

उद्योगपतियों और सर्विस सेक्टर में ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की अधिक सुविधा के लिए उदार नीतियों को अपनाकर उद्योगपतियों को कई प्रकार की सुविधाएँ दी जा रही हैं।

मैन्युफैक्चरिंग हब और ऑटो मोबाइल हब के नाम से प्रसिद्ध गुजरात अब 51%IEMs को हासिल कर समावेशी विकास के क्षेत्र में भी देश का अग्रिम राज्य बनेगा।

प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ की संकल्पना एवं राज्य सरकार की प्रोत्साहक नीतियों की वजह से गुजरात प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को हासिल करने में भी सबसे आगे रहा है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत 200 से अधिक विदेशी कंपनियों ने गुजरात में निवेश किया है।

इस संदर्भ में पिछले 4 सालों हुए कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की तुलना में आने वाले वर्षों में 4 गुना से अधिक यानि की लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(foreign direct investment)  गुजरात में आनेका अनुमान है।

मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गुजरात के औद्योगिक क्षेत्र में अधिकतम रोजगार का सृजन करने वाले MSME सेक्टर को प्रोत्साहन देने का क्रांतिकारी निर्णय किया है।

इसके तहत MSME यूनिट्स को स्थापित करने व इसके संचालन के लिए ज़रूरी सभी स्वीकृतियों को लेने में तीन साल की छूट दी गई है।

MSME Online Registration Portal कार्यरत करके डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट, केवल 5 मिनट में मिले, ऐसी व्यवस्था बनाई गई है।

MSME यूनिट्स को दिए जाने वाले प्रोत्साहनों की वजह से गुजरात में 34 लाख से अधिक MSME यूनिट्स कार्यरत हैं। और यही कारण भी है कि ये MSME यूनिट्स गुजरात में बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन कर रहे हैं।

MSME सेक्टरके लिए नए प्रोत्साहनों एवंसौर ऊर्जा के उपयोग के साथ यह देश का रोल मॉडल बनेगा। गुजरात में हर महीने लगभग 16 हज़ार MSME उद्योग पोर्टल पर पंजीकृत होते हैं।

गुजरात में देश में अकेला ऐसा राज्य है जो देश में कुल पंजीकृत फंडेड स्टार्ट-अप के 43% के साथ युवाओ को जॉब सीकर के स्थान पर जॉब गिवर बना रहा है।

राज्य सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र विशेषकर बिन परम्परागत ऊर्जा क्षेत्र में कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन को कम करने के लिए उदारीकरण की नीति को अपनाया है।

इसकी वजह से विश्व भर से ऊर्जा क्षेत्र विशेषकर बिन परम्परागत ऊर्जा क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर निवेश के लिए आकर्षण बढ़ा है।

MSME उद्योगों के लिए 100 प्रतिशत सोलर एनर्जी स्थापित करने के लिए प्रोत्साहक नीति बनाई गई है। इतना ही नहीं, गुजरात बड़े उद्योगों के साथ-साथ MSME क्षेत्र में भी देश का हब बने, इसके लिए MSME उद्योग साहसिकों को सरलता से लोन की सुविधा राज्य सरकार दे रही है।

MSME सेक्टर को लोन की सुविधा आसानी से मिले इसके लिए राज्य सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसी नेशनल बैंक के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किया है जिस वजह से MSME उद्योग साहसिकों को 7 से 15 दिन में सरलता से लोन की सुविधा मिलेगी।

इसके अलावा, नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज के साथ भी राज्य सरकार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसकी वजह से MSME यूनिट्स कैपिटल फंड क्रिएट कर सकते हैं।

इस सुविधा के कारण MSME सेक्टर सप्लाई के सापेक्ष ट्रेड रिसीवेबल योजना के तहत पैसा प्राप्त कर सकते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि एक ओर जहां, यहां के उद्योगपतियों को सरलता से लोन की सुविधा मिलती है तो वहीं दूसरी ओर यहां के उद्योगपति इस लोन को चुकाने में भी काफी आगे हैं।

MSME यूनिट्स को लोन की सुविधा के लिए राज्य सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले बैंकों के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष कहा कि गुजरात लोन की रिकवरी रेट में सबसे आगे है।

समावेशी विकास के साथ औद्योगिक विकास और देश भर में औद्योगिक उत्पादन व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त करने में गुजरात ने कई कीर्तिमान हासिल किए हैं।