हरियाणा व पंजाब की सीमा सील, यातायात बाधित

चंडीगढ़, 23 फरवरी | सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को लेकर हरियाणा के विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदर्शन के मद्देनजर गुरुवार को पंजाब व हरियाणा की सीमाओं को सील कर दिया गया, जिसकी वजह से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दिल्ली को अमृतसर से जोड़ने वाली हरियाणा, पंजाब सीमा पर व्यस्तम राष्ट्रीय राजमार्ग को सुरक्षाबलों ने गुरुवार सुबह सील कर दिया, जिससे हजारों लोगों, विशेष रूप से मोटरचालकों को असुविधा हुई।

इनेलो के प्रदर्शन के मद्देनजर पंजाब और हरियाणा के सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।

इनेलो ने ‘जल युद्ध’ का ऐलान करते हुए विवादास्पद एसवाईएल नहर की खुदाई की चेतावनी दी। पार्टी का कहना है कि उसका अभियान राज्य को पानी दिलाने के लिए है।

इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला ने चेताया कि यदि प्रशासन उन्हें रोकने के लिए सेना बुलाती है तब भी वे नहर की खुदाई करेंगे।

इनेलो कार्यकर्ता एवं नेता सुबह से ही अंबाला शहर के सब्जी मंडी ग्राउंड में जुटने शुरू हो गए।

Ambala: Indian National Lok Dal workers march towards Punjab to start digging of the controversial Sutlej-Yamuna Link (SYL) canal to get water for Haryana in Ambala on Feb 23, 2017. Thousands of people faced inconvenience after security forces sealed a busy portion of a national highway on the Haryana-Punjab border that links Delhi with Amritsar. (Photo: IANS)

इनेलो की चेतावनी के मद्देनजर अंबाला (हरियाणा)-राजपुरा (पंजाब) पर 24 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग-1 को सील कर दिया गया।

पंजाब के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यातायात मार्ग परिवर्तित कर दिया गया है।

हजारों की संख्या में मोटरचालक रोजाना एनएच-1 के जरिए हरियाणा होते हुए दिल्ली आते-जाते हैं।

भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए दोनों राज्यों की सीमाओं पर तैनात किया गया है।

इससे दोनों राज्यों से रोजाना यात्रा करने वाले सर्वाधिक प्रभावित हैं।

अंबाला में काम करने वाली और पंजाब के राजपुरा के पास के गांव से यात्रा करने वाली महिला कर्मचारी सुरजीत कौर ने कहा, “मैं अंबाला जाने के लिए पहले ही तीन किलोमीटर का सफर तय कर चुकी हूं। मुझे नहीं पता कि हमें आगे कोई यातायात का साधन मिलेगी या नहीं।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने नवंबर 2016 को पंजाब विधानसभा से पारित पंजाब टर्मिनेशन ऑफ वाटर एग्रीमेंट्स बिल 2004 को असंवैधानिक करार दिया था।

इसके जरिये राज्य विधानसभा ने पंजाब तथा पड़ोसी राज्यों के बीच जल साझा करने वाले सभी समझौतों को निरस्त कर दिया था, जिससे एसवाईएल नहर की निर्माण योजना खटाई में पड़ गई थी।    –आईएएनएस