मप्र : पंचायतों का सत्कार भत्ता हुआ छह हजार रूपए सालाना

भोपाल, 15 अप्रैल (जनसमा)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि जिस कार्य, योजना की राशि पंचायतों के खाते में जारी की जाएगी उसके लिए सरपंच-सचिव जिम्मेदार होंगे। जो राशि हितग्राही के खाते में जाएगी उसके दुरूपयोग पर सरपंच एवं सचिव जिम्मेदार नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने पंचायतों में सत्कार के खर्च को देखते हुए वार्षिक सत्कार भत्ता छह हजार रूपए करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद सरपंचों, सचिवों और रोजगार सहायकों के संगठनों ने हड़ताल पर नहीं जाने की घोषणा की।

शिवराज शनिवार को यहाँ अपने निवास पर मध्यप्रदेश सरपंच संगठन, मध्यप्रदेश ग्राम रोजगार सहायक, पंचायत कर्मचारी संघ, आजाद पंचायत सचिव कर्मचारी संघ के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर रहे थे। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को पंचायतों के कामकाज में आ रही समस्याओं से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में अपात्र लोगों को स्वीकृत आवास के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तविक रूप से गरीब हितग्राही की पात्रता का फिर से परीक्षण कराया जाएगा। वास्तविक रूप से पात्र होने पर पर गरीब व्यक्ति को शासन की अन्य योजनाओं से मदद दी जाएगी।

चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास राधेश्याम जुलानिया ने पंचायतों में 25 हजार रूपये से अधिक के आहरण नहीं करने के संबंध में स्पष्ट किया कि राशि के आहरण पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि पंचायतों की सहूलियत के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम बनाया जा रहा है। इस ऑनलाइन सिस्टम की टेस्टिंग की प्रक्रिया पिछले दो दिन से चल रही थी, जो पूरी हो चुकी है।

मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद सभी संघों ने हड़ताल पर नहीं जाने की घोषणा की। हड़ताल समाप्ति की घोषणा के बाद यदि कोई पंचायत सचिव अपने कार्यस्थल पर नहीं लौटता है तो उसका प्रभार रोजगार सहायक को दे दिया जाएगा ताकि पंचायतों का काम प्रभावित नहीं हो। इन रोजगार सहायकों को बैंक से आहरण के अधिकार भी सचिवों जैसे होंगे। सरपंच संगठन ने कहा कि हड़ताल समाप्ति के बाद भी यदि कोई सरपंच हड़ताल पर रहता है तो सरकार इनके विरूद्ध सक्षम कार्रवाई कर सकती है। संगठन को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी।

(फाइल फोटो)