जनसूचना अधिकारियों पर 2 लाख जुर्माना

लखनऊ, 29 जुलाई । सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचना नहीं देने और शोकाउज नोटिस की अवेहलना करने पर राज्य सूचना आयुक्त ने आठ जनसूचना अधिकारियों को दंडित किया है। साथ ही प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपये (कुल 2,00,000) का जुर्माना लगाया है।
दरअसल, राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 के तहत इन आठ अधिकारियों को शोकाज नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि वादी को 30 दिन के अंदर अनिवार्य तौर पर सूचना उपलब्ध कराएं।

30 दिन के अंदर सूचना देना नियम के तहत अनिवार्य है। अधिनियम की धारा 19 (7) के तहत आयोग का आदेश बाध्यकारी भी है। लेकिन इन अधिकारियों ने आदेश के बाद भी वादी को 30 दिन के अंदर न तो सूचना उपलब्ध कराई और न ही आयोग में उपस्थित हुए।

सूचना आयुक्त उस्मान ने आठ जन सूचना अधिकारियों को दोषी मानते हुए इन अधिकारियों पर 25000-25000 रुपये दंड लगाया गया है : रामपुर के नगर मजिस्ट्रेट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बिजनौर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी कोतवाली और हल्दौर के खंड विकास अधिकारी।(आईएएनएस/आईपीएन)