भारत को एक ट्रिलियन डालर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने की तैयारी

नई दिल्ली, 17 जून (जनसमा)। भारत सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रोनिक एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रोद्योगिकी क्षेत्र के उद्यमियों के साथ शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान डिजिटल आर्थिक सेवाओं और ई-कॉमर्स पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। भारत को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक कारगर कार्ययोजना के प्रारूप पर भी विचार-विमर्श हुआ। इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी और कानून और विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक की अध्यक्षता की।

उद्योग जगत और उद्योग संघो की ओर से इन्फोसिस, आईबीएम, विप्रो, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, महिन्द्रा टेक, इन्टेल कॉरपोरेशन, पेनासोनिक इंडिया, क्विकहील, हाइक, लावा इन्टरनेशल लिमिटेड, आईवीसीए, एनपीसीआई, एनएएसएससीओएम, आईएएमएआई आदि ने प्रतिनिधित्व किया।

उद्योगपतियों ने सरकार के वर्तमान कदमों का स्वागत किया और जोर देते हुए कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र के बीच प्रभावी साझेदारी भारत को एक ट्रिलियन डालर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने की महत्वपूर्ण कड़ी है। निजी एवं सार्वजनिक साझेदारी वाली परियोजनाओं से जुड़े विवादों के निपटान के लिए बेहतर प्रणाली, उद्योगों के सहयोग से उभरती हुई तकनीकों के प्रयोग, डाटा सुरक्षा के लिए कानूनी ढाचे की मजबूती जैसे क्षेत्रों में सरकार को सुधार करने की आवश्यकता है ताकि कार्य योजना को कारागर तरीके से लागू किया जा सकें।

इस अवसर पर इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी और कानून और विधि राज्यमंत्री पी.पी. चौधरी, इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय की सचिव अरूणा सून्दराराजन इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय अतिरिक्त सचिव  डॉ. अजय कुमार भी उपस्थित थे।