आईएस आतंकियों ने की थी बाराबंकी में ब्लास्ट की तैयारी

लखनऊ, 8 मार्च। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एटीएस ने समय रहते आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के नेटवर्क से जुड़े गुमराह युवाओं की उत्तर प्रदेश दहलाने की साजिश विफल कर दी। आईएस से जुड़े संगठन आईएस खुरासान लखनऊ-कानपुर माड्यूल द्वारा बाराबंकी जिले के एक कस्बे में भीड़भाड़ में 27 मार्च को विस्फोट की योजना थी।

एडीजी एटीएस/कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में खुरासान माड्यूल के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। सीरिया में अपने आकाओं से इन युवाओं के संपर्क बने थे। घटना की शुरुआत मध्य प्रदेश में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में विस्फोट से हुई।

उन्होंने कहा, “विस्फोट की साजिश कानपुर के जाजमऊ इलाके के सैफुल्लाह ने रची। इसके लिए लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र के हाजी कालोनी में किराये का मकान लेकर तैयारी की गई। साजिश में सैफुल्लाह के अलावा कानपुर केएडीए कालोनी निवासी दानिश अख्तर उर्फ जफर, अलीगढ़ के इंद्रानगर निवासी सैयद मीर हुसैन उर्फ हम्जा और कानपुर के जाजमऊ निवासी आतिश मुजफ्फर के अलावा कुछ अन्य सदस्य भी शामिल थे।”

चौधरी ने बताया, “सैफुल्लाह और एक साथी को छोड़ यहीं से तीनों आतंकी मप्र विस्फोट ऑपरेशन में गए। विस्फोट के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने दानिश, मीर हुसैन और आतिश को पिपरिया से गिरफ्तार कर लिया।”

कानपुर में पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से मिले लैपटॉप में एटीएस टीम को आईएस के भड़काऊ साहित्य के अलावा बम बनाने की तरकीब का वीडियो फुटेज मिला है। इस ग्रुप के कई सदस्यों के फोटोग्राफ भी मिले हैं।

दलजीत सिंह चौधरी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सैफुल्ला खुद से प्रेरित होकर आतंकी बना था।

इस्लामिक स्टेट (आईएस) के संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला के परिजनों ने बुधवार को उसका शव लेने से इनकार कर दिया। उसके पिता सरताज ने मीडियाकर्मियों से कहा, “जो देश का नहीं हो सका वह हमारा क्या होगा।” उन्हें लखनऊ ले जाने के लिए कानपुर पहुंची पुलिस टीम खाली हाथ वापस लौट गई।

लखनऊ में 11 घंटे चले ऑपरेशन के बाद पुलिस ने सैफुल्ला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। इसके बाद पुलिस की एक टीम को कानपुर से उसके पिता सरताज को लाने के लिए भेजा गया।

यहां दोपहर टीटा जाजमऊ स्थित सैफुल्ला के घर पहुंची पुलिस टीम ने उसके पिता सरताज से मुलाकात की। पुलिस ने उन्हें घटना की जानकारी देने के बाद अपने साथ लखनऊ चलने को कहा।

इस पर सरताज ने शव लेने से मना कर दिया। सरताज जाजमऊ स्थित एक टेनरी में काम काम करते हैं। परिवार में उनके अलावा पत्नी और एक अन्य बेटा है।         –आईएएनएस