Lays foundation stone for multiple development projects worth Rs 7,200 crore in West Bengal

पश्चिम बंगाल में 7,200 करोड़ रु. की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में आरामबाग शहर में 7,200 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

आज की विकासात्मक परियोजनाएं रेल, बंदरगाह, तेल पाइपलाइन, एलपीजी आपूर्ति और अपशिष्ट जल उपचार जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं।

प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए 21वीं सदी के भारत के तीव्र विकास और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प का उल्लेख किया।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि 25 करोड़ लोगों का निर्धनता के दायरे से बाहर आना सरकार की दिशा, नीतियों और निर्णयों की शुचिता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इन सबका मुख्य कारण नेक नीयत रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विकास के लिए 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है और शिलान्यास किया गया है। इनमें रेल, बंदरगाह, पेट्रोलियम और जल शक्ति से जुड़े क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में पर्यटन और उद्योग को प्रोत्साहित करते हुए रेल कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए झारग्राम-सलगाझारी को जोड़ने वाली तीसरी रेल लाइन का उल्लेख करते हुए कहा, “केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में रेलवे को देश के बाकी हिस्सों की तरह ही आधुनिक बनाने का प्रयास कर रही है।”

उन्होंने सोंडालिया-चंपापुकुर और दानकुनी-भट्टनगर-बाल्टिकुरी रेल लाइनों के दोहरीकरण के बारे में भी बात की।

प्रधानमंत्री ने कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह पर आधारभूत अवसंरचना को सुदृढ करने के लिए विकास परियोजनाओं और 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की तीन अन्य परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।

नरेन्द्र मोदी ने हल्दिया-बरौनी क्रूड पाइपलाइन का उदाहरण देते हुए कहा, ”भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि पर्यावरण के साथ सामंजस्य बिठाकर कैसे विकास किया जा सकता है।”

कच्चे तेल को चार राज्यों – बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से होते हुए पाइपलाइन के माध्यम से तीन रिफाइनरियों तक पहुंचाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप बचत और पर्यावरण संरक्षण होता है।

उन्होंने कहा कि एलपीजी बॉटलिंग प्लांट से 7 राज्य लाभान्वित होंगे और क्षेत्र में एलपीजी की मांग को पूरा किया जाएगा। अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र से कई जिलों के लाखों लोगों को भी फायदा होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी राज्य में एक बुनियादी ढांचा परियोजना शुरू होने से रोजगार के कई रास्ते खुलते हैं, पश्चिम बंगाल में रेलवे के विकास के लिए इस वर्ष के बजट में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है, जो 2014 से पूर्व की तुलना में तीन गुना अधिक है।

उन्होंने कहा कि सरकार रेल लाइनों के विद्युतीकरण, यात्री सुविधाओं के उन्नयन और रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास को प्राथमिकता देती है।

पिछले 10 वर्षों में पूरी हुई लंबित परियोजनाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 3,000 किलोमीटर से अधिक रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत तारकेश्वर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास सहित लगभग 100 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। 150 से अधिक नई रेल सेवाओं की शुरुआत और 5 नई वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई गई है।

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विकसित भारत का संकल्प पश्चिम बंगाल के लोगों के योगदान से पूरा होगा। उन्होंने आज की विकास परियोजनाओं के लिए नागरिकों को शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर अन्य गणमान्य लोगों के अतिरिक्त पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सी. वी. आनंद बोस और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर उपस्थित थे।