Supreme Court

मोबाइल उपयोगकर्ताओं के सत्यापन संबंधी तंत्र जल्द : केंद्र

नई दिल्ली, 6 फरवरी केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि ‘प्री-पेड’ मोबाइल उपयोगकर्ताओं के सत्यापन के लिए वह एक साल के अंदर एक प्रभावी तंत्र बनाएगी, जिनकी संख्या कुल मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं का 90 फीसदी है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति एन.वी. रमना की पीठ ने सत्यापन की मांग करने वाली याचिका के अनुरूप हुए काम पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि एक प्रभावी तंत्र मूर्त रूप लेगा।

खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, “हम संतुष्ट हैं कि याचिकाकर्ताओं (एनजीओ लोकनीति फाउंडेशन) की मांग पर पहचान सत्यापित करने का प्रभावी तंत्र बनाया जा रहा है।”

महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने कहा कि सत्यापन तंत्र वर्तमान और नए दोनों ग्राहकों पर लागू होगा।

उन्होंने आश्वासन दिया कि उन प्रीपेड कनेक्शन रखनेवालों का कोई सत्यापन नहीं किया जाएगा, जिन्होंने उसे पोस्ट पेड में बदलवा लिया है।

उन्होंने अदालत से यह भी कहा कि मोबाइल फोन रखने वाले 90 प्रतिशत लोगों के पास ‘प्री-पेड’ मोबाइल कनेक्शन हैं।

रोहतगी ने खंडपीठ से कहा कि अब सत्यापन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड के साथ आधार कार्ड पर भी जोर दिया जा रहा है, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है।

हालांकि अदालत ने सुझाव दिया कि जब एक प्रीपेड कनेक्शन रखने वाला अपने नंबर को रिचार्ज करवाने जाए तो उसे सत्यापन के लिए एक फार्म दिया जाना चाहिए, जिसे वह एक निश्चित समयसीमा में भरकर लौटा दे। अगर निश्चित समयसीमा के भीतर वह फार्म जमा नहीं करता है तो उसे रिचार्ज करने नहीं दिया जाए।-आईएएनएस