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अटल बिहारी वाजपेयी वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचतत्व में विलीन

जन नायक आैर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी यमुना नदी के किनारे ‘राष्ट्रीय स्मृति स्थल’ पर   वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचतत्व में विलीन कर दिये गए।

देश और दुनिया के लाखों लोगों ने वाजपेयी का स्मरण करते हुए अनंन्त की यात्रा के लिए उन्हें अश्रुपूरित विदाई दी।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहनसिंह, राहुल गांधी, राज्यों के मुख्यमंत्री, विभिन्न दलों के नेला,और अटल जी के हजारों प्रशंसक अंतिम संस्कार के समय उपस्थित थे।

बड़ी संख्या में विदेशी राजनयिक भी अंतिम संस्कार के समय श्रद्धांजलि देने आए।

वाजपेयी जी का अंतिम संस्कार शुक्रवार शाम पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ  कर दिया गया। अटल जी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने  मुखाग्नि दी।

गुरुवार रात से ही तीन केबिनेट मंत्रियों की निगरानी में अंत्येष्टि की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार अंतिम संस्कार के बाद उसी स्थान पर अटल जी की समाधि बनाई जाएगी।

याद रहे कि यूपीए सरकार ने यमुना किनारे समाधि निर्माण करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन मोदी सरकार ने उस फैसले को पलट दिया।

वाजपेयी जी की समाधि दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के मध्य बनेगी। इसके एक ओर पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की समाधि शांति वन है और दूसरी ओर प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की समाधि विजय घाट है।