म्यांमार के राष्ट्रपति बोधगया में

गया (बिहार), 27 अगस्त | म्यांमार के राष्ट्रपति यू हतिन कयाव अपनी पत्नी और 31 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ शनिवार को बोधगया पहुंचे। उन्होंने बोधगया में महाबोधि मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना की तथा पवित्र महाबोधि वृक्ष के नीचे बैठकर कुछ समय गुजारा। राष्ट्रपति कयाव ने बोधगया परिभ्रमण के बाद महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के स्वागत कक्ष में अतिथि पंजी में लिखा, “बोधगया की भूमि को स्पर्श कर मेरी सारी इच्छाएं पूरी हो गईं। मैं अविभूत हूं। यहां भगवान बुद्ध को नमन और पवित्र बोधिवृक्ष के दर्शन करने के बाद असीम शांति की अनुभूति हुई। मैं जीवन में इतना प्रसन्न कभी नहीं हुआ।”

उन्होंने आगे लिखा है, “यहां आने की अभिलाषा मुझे काफी दिनों से थी, जो आज पूरी हो गई।”

अतिथि पंजी में उनकी पत्नी शु शु लविन ने भी हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति ने पंजी में आतिथ्य के लिए आभार अंकित किया और कहा कि यह यात्रा यादगार रहेगी। एक बौद्ध होने के नाते यह यात्रा उनकी आस्था से जुड़ी है। यहां की व्यवस्था से वे पूरी तरह संतुष्ट दिखे।

राष्ट्रपति यू हतिन कयाव इससे पहले अपनी पत्नी व 31 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ म्यांमार के विशेष विमान से सीधे गया अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचे, जहां उनकी आगवानी गया के जिलाधिकारी कुमार रवि और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक ने की।

कयाव के बोधगया पहुंचने पर महाबोधि मंदिर प्रबंध कार्यकारिणी समिति (बीटीएमसी) कार्यालय के समीप भिक्षु प्रभारी भंते चालिंदा ने सभी को खादा भेंट कर सम्मानित किया।

राष्ट्रपति कयाव सबसे पहले म्यांमार मोनास्ट्री गए। उसके बाद महाबोधि मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने गर्भगृह में मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्ज्वलित किया और चीवर चढ़ाया। उन्होंने पवित्र बोधिवृक्ष, अनिमेश लोचन, चंक्रमण पथ, रत्नागृह, अजपाल निरोध वृक्ष, मुचलिंद सरोवर और राजयतन के दर्शन किए। भगवान बुद्ध ने ध्यान-साधना काल यहीं व्यतीत किया था।

कयाव दंपति ने मंदिर परिसर में लगभग डेढ़ घंटे बिताए। वे मंदिर के प्रथम तल से पवित्र बोधिवृक्ष का अवलोकन भी किया।

बीटीएमसी के सदस्य अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रपति, उनकी पत्नी व शिष्टमंडलीय सदस्यों को बीटीएमसी की ओर से खादा और प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।

इसके बाद राष्ट्रपति व शिष्टमंडलीय सदस्य आदि शंकराचार्य मठ के बरादरी परिसर स्थित म्यांमार के तत्कालीन राजा मिडुमिन द्वारा बनाए मंदिर व 80 फीट ऊंची विशाल बुद्ध प्रतिमा के दर्शन किए।

गया के जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि राष्ट्रपति कयाव शनिवार को रात्रि विश्राम के बाद रविवार को पुन: महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना करंेगे और फिर आगरा के लिए रवाना हो जाएंगे।

म्यांमार के राष्ट्रपति के बोधगया आगमन के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

मान्यता है कि महाबोधि वृक्ष के नीचे कठिन तपस्या के समय महात्मा बुद्ध को दिव्यज्ञान प्राप्त हुआ हुआ था। पवित्र महाबोधि वृक्ष को देखने के लिए प्रतिवर्ष देश-विदेश से लाखों पर्यटक बोधगया आते हैं।

–आईएएनएस