नोटबंदी से एनबीएफसी पर 6 महीने दबाव रहेगा : मूडीज

सिंगापुर, 21 मार्च | वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी के असर से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) अगले छह महीनों तक दबाव में रहेंगी। मूडीज इंवेस्टर सर्विस द्वारा यहां जारी की गई नवीनतम रपट में कहा गया है, “भारत की एनबीएफसी मोटे तौर पर स्थिर परिसंपत्तियों की गुणवत्ता के हैं, लेकिन अगली एक-दो तिमाहियों में कुछ अवगुण प्रकट होंगे, क्योंकि नोटबंदी ने सभी स्तर की परिसंपत्तियों में संग्रहण को बुरी तरह से प्रभावित किया है।”

मूडीज ने आगे कहा है, “यह भारत की गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों पर अल्पकालिक समायोजन का दबाव डालेगी, लेकिन उनकी बढ़त को नहीं रोक पाएगी।”

इस रपट का शीर्षक ‘इंडियन नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (एनबीएफसीज)- बढ़ते जोखिम के साथ मजबूत विकास को संतुलित करना’ है।

पिछले तीन सालों में खुदरा ऋण वितरण में एनबीएफसी कंपनियों ने बैंकों की तुलना में कुछ बाजार हिस्सेदारी हासिल की है। यह खासतौर से सरकारी बैंकों की तुलना में अधिक देखा गया है, जो परिसंपत्तियों की गुणवत्ता और कुल मिलाकर शोधनक्षमता की प्रोफाइल से जूझ रहे हैं।

मूडीज की उपाध्यक्ष और वरिष्ठ विश्लेषक अलका अनबारासु ने कहा, “फिर भी हमें बैंकिंग क्षेत्र की तरफ से प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है। क्योंकि वे कॉरपोरेट क्षेत्र को कर्ज देने में कमजोरी को देखते हुए खुदरा क्षेत्र पर अधिक जोर देंगे।”

अनबारासु ने आगे कहा, “इसके अलावा खुदरा ऋण खासतौर से गृह ऋण बैंकों के लिए अधिक पूंजी कुशल है।”

फंडिंग के बारे में मूडीज का आकलन है कि एनबीएफसी का फंडिंग प्रोफाइल स्थिर बना रहेगा।   –आईएएनएस