टैक्सियों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश

नई दिल्लीए 12 अप्रैल (जनसमा)।  टैक्सी सेवाओं का लाभ लेने वाली महिलाओं की सुरक्षा के बारे में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा सिफारिश किए गए सुरक्षा उपायों को नई टैक्सी नीति के दिशा-निर्देशों में शामिल किया गया है। महिला और बाल विकासमंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने इन उपायों की सिफारिश सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा शिपिंग मंत्रालय से की थी।

फोटो : कोलकाता में 7 अगस्त, 2016 को फ्रेंडशिप डे के अवसर पर एक टैक्सी ड्राइवर को फ्रेंडशिप बैंड बांधती युवतियां।
(फोटो: आईएएनएस)

सोशल मीडिया पर श्रीमती मेनका गांधी को टैक्सियों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के कई मामलों के बारे में सूचित किये जाने को देखते हुये ये सिफारिशें की गयी थीं। महिलाओं ने ट्विटर और फेसबुक पर अपनी मुश्किलें साझा की थीं। इसके बाद महिला और बाल विकास मंत्री ने इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए रेडियो टैक्सी सेवा प्रदाताओं के साथ बैठक की। उस बैठक के आधार पर मंत्री  ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को उनके मंत्रालय द्वारा तैयार किये जा रहे नियामक दिशा-निर्देशों में आवश्यक सुरक्षा उपायों को शामिल करने के लिए पत्र लिखा था।

नई टैक्सी नीति के दिशा-निर्देशों में शामिल महिला और बाल विकास मंत्रालय की सिफारिशें निम्नलिखित हैं:

  • टैक्सियों में अनिवार्य रूप से जीपीएस पैनिक उपकरण लगे होने चाहिए।
  • महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए टैक्सी में सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
  • वाहन के फोटो और पंजीकरण संख्या के साथ चालक का पहचान पत्र भी टैक्सी में प्रमुखता से लगाया जाना चाहिए।
  • टैक्सी ऑपरेटरों/ड्राइवरों द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने पर उनसे कानून के अनुसार कड़ाई से निपटा जाना चाहिए।
  • यात्रियों की इच्छा पर ही सीट साझा की जानी चाहिए।

महिला और बाल विकास मंत्री की सिफारिशों को नियामक दिशानिर्देशों में शामिल करने की मंजूरी दे दी गई है। श्रीमती मेनका गांधी ने टैक्सियों में महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षा उपाय करने संबंधी सिफारिशों को स्वीकार करने के लिए  नितिन गडकरी का धन्यवाद किया है।

महिला यात्री टैक्सियों में सुरक्षा के संबंध में श्रीमती मेनका गांधी को सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी परेशानियां बताती हैं। महिला और बाल विकास मंत्री ने #HelpMeWCD नाम से हैशटैग शुरू किया है। इस परउत्पीड़न/ हिंसा झेल रही कोई भी महिला या बच्चा ट्वीट कर सीधे अपनी समस्या बता सकता है।