Aadhar

आधार का कोई भी विवरण बाहर नहीं गया, डेटा पूरी तरह सुरक्षित

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने फिर दोहराया है कि  आधार का कोई भी विवरण बाहर नहीं गया है। बायोमेट्रिक जानकारी सहित आधार डेटा पूरी तरह से सुरक्षित और संरक्षित है।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने द ट्रिब्यून समाचार पत्र में “500 रुपये और 10 मिनट में करोड़ो आधार जानकारी आपके पास” शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट का खंडन करते हुये कहा है कि यह खबर गलत है। यूआईडीएआई ने आश्वासन दिया कि आधार का कोई भी विवरण बाहर नहीं गया है। बायोमेट्रिक जानकारी सहित आधार डेटा पूरी तरह से सुरक्षित और संरक्षित है।

गुरूवार को जारी एक बयान में यूआईडीएआई ने कहा कि उसने शिकायत निवारण के लिये अधिकृत कर्मियों और राज्य सरकार के अधिकारियों को यह सर्च सुविधा दी है, ताकि निवासियों की केवल आधार संख्‍या/ईआईडी दर्ज करने पर मदद की जा सके। यूआईडीएआई इस सुविधा के पूरे लॉग का प्रबंधन करता है और इस पर नजर रखता है, ताकि किसी भी प्रकार के दुरुपयोग का तुरंत पता चल सके और उचित कार्रवाई की जा सके। खबर में बताया गया वाकया शिकायत निवारण सर्च सुविधा के दुरुपयोग का मामला हो सकता है। चूंकि यूआईडीएआई इस सुविधा का संपूर्ण लॉग का प्रबंधन करता और इस पर नजर रखता है इसलिये इस मामले में लिप्‍त व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने सहित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

यूआईडीएआई ने फिर कहा कि शिकायत निवारण सर्च सुविधा से केवल नाम और अन्य विवरण की सीमित जानकारी प्राप्‍त की जा सकती है, लेकिन संपूर्ण बायोमेट्रिक विवरण तक पहुंच संभव नहीं है। यूआईडीएआई ने आश्वासन दिया है कि बायोमेट्रिक डाटाबेस का कोई भी डेटा बाहर नहीं गया है, क्‍योंकि यह यूआईडीएआई में कूटलेखन के रूप में पूरी तरह से सुरक्षित और संरक्षित है।  बायोमेट्रिक्स के बिना केवल जनसांख्यिकीय जानकारी के आधार पर इसका दुरुपयोग संभव नहीं है।

इसके अलावा आधार संख्या कोई गुप्त संख्या नहीं है। जब भी आधारधारक सरकारी कल्याण योजनाओं या अन्य सेवाओं का लाभ लेना चाहता है तो उसे प्राधिकृत एजेंसियों के साथ इसे साझा करना होता है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आधार संख्या का उचित उपयोग सुरक्षा या वित्तीय खतरा बन गया है। इसके अलावा केवल आधार संख्या ही सुरक्षा का खतरा या वित्तीय/अन्य धोखाधड़ी का कारण नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये व्यक्ति की अंगुलियों की छाप या आंख की पुतलियों (आईरिस) का प्रमाणीकरण भी आवश्यक है।

आधार नामांकन प्रणाली को दरकिनार या धोखाधड़ी करने का दावा पूरी तरह निराधार है। आधार का डाटा पूरी तरह से सुरक्षित और संरक्षित है और इसमें सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया गया है। यूआईडीएआई डाटा केंद्र खास महत्व के बुनियादी ढांचे हैं, इसलिये ये सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप उच्च प्रौद्योगिकी से सुरक्षित और कानूनी प्रावधानों से संरक्षित हैं।