आजकल राजनीतिक फिल्में नहीं करना चाहते लोग : विवेक अग्निहोत्री

लोनावला (महाराष्ट्र), 6 सितम्बर | विवेक अग्निहोत्री का कहना है कि समाजिक-रोमांचिक फिल्म ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ के निर्माण के दौरान उन्होंने काफी चुनौतियों का सामना किया था। वह अब अपनी भारतीय न्यायिक प्रणाली पर आधारित फिल्म पर काम कर रहे हैं और इसके साथ उनकी एक अन्य फिल्म है, जो आपातकाल स्थिति पर आधारित है। फिल्मकार ने इस बात पर ध्यान दिया है कि अधिकतर कलाकार राजनीतिक फिल्मों में काम करने से बचने की कोशिश करते हैं।

लोनावला अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में यहां एक बातचीत में अग्निहोत्री ने आईएएनएस को बताया, “मुझे ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ को रिलीज करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सच बात यह है कि आजकल भारत में लोगों को राजनीति फिल्में करने में रुचि नहीं है।”

विवेक की फिल्म ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ एक ऐसी यूनिवर्सिटी पर आधारित थी, जिसमें काफी भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय मुद्दे शामिल थे। इस कारण इसे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से जोड़ा गया।

इस फिल्म को जहां एक ओर कई लोगों ने सराहा। वहीं, दूसरी ओर इसे कुछ लोगों ने गुमराह करने वाली फिल्म भी करार दिया।

इसके साथ ही जादवापुर विश्वविद्यालय में छात्रों के एक बड़े समूह ने इस फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। विवेक का कहना था कि यह विरोध प्रदर्शन इसलिए हुआ, क्योंकि 70 साल में पहली बार किसी ने ‘नक्सल-अकादमिया-इंटेलेक्चुअल-मीडिया नेक्सस’ को बेनकाब करने की हिम्मत की थी।

विवेक का मानना है कि राजनीति पर आधारित फिल्म बनाने के लिए आपको राजनीति की जानकारी होनी चाहिए और साथ ही पूर्ण रूप से शोध, कड़ी मेहनत की भी जरूरत होती है।

भारतीय न्यायिक प्रणाली तथा आपातकाल स्थिति पर फिल्म बनाए जाने के पीछे के कारण के बारे में पूछे जाने पर विवेक ने बताया, “मैंने ‘बुद्धा..’ फिल्म के साथ कई चुनौतियों का सामना किया है और इस संघर्ष का मैंने काफी आनंद भी लिया। मेरा शाहरुख खान के साथ काम करने की कोई इच्छा नहीं है और न ही बीएमडब्ल्यू कार चलाने की। मैं एक महत्व को दर्शाने वाली फिल्म बनाना चाहता हूं।”

विवेक का मानना है कि राजनीतिक कहानी बेहद जरूरी है, क्योंकि किसी को तो देश का इतिहास दर्शाने की जरूरत है। लोगों को एक समय पर भारत में आपातकाल स्थिति का सामना करना पड़ा था।

फिल्मकार का कहना है कि 21 माह के आपातकाल पर आधारित फिल्म काफी प्रभावशाली होगी। वह इस फिल्म में उस दौरान की स्थिति को एक बच्चे के नजरिए से दर्शाना चाहते हैं।          –आईएएनएस