Relief to people affected by Yamuna flood in Delhi

दिल्ली में यमुना की बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत

नई दिल्ली, 17 जुलाई। दिल्ली में यमुना की बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए केजरीवाल सरकार लगातार काम कर रही है।
एक प्रेसविज्ञप्ति यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए रविवार को समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद दिल्ली के उत्तरी जिले में स्थित बाढ़ राहत शिविरों का दौरा करने पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने उत्तरी जिले में यमुना नदी से सटे क्षेत्र रमजानपुर गांव के चौपाल मोहम्मदपुर, पल्ला गांव और जहांगीरपुरी के ई, एफ व जी ब्लॉक में एमसीडी स्कूल और आउट्रम लाइन्स स्थित पत्राचार विद्यालय में बने राहत शिविरों का दौरा किया।

शिविरों में शरणार्थियों के रहने, खाने-पानी, शौचालय, चिकित्सा सहित सभी आवश्यक सुविधाओं का जायया लिया और अधिकारिरों को निर्देश दिए कि सभी बाढ़ पीड़ितों को शिविर में आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
बाढ़ शिविर का जायजा लेने के बाद आनंद ने बताया कि दिल्ली में बारिश नहीं हो रही है लेकिन हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। मगर आपदा की इस स्थिति में केजरीवाल सरकार ने हर तरह के खतरे से निपटने के लिए अपनी कमर कसी हुई है।
समाज कल्याण मंत्री ने बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया और सुनिश्चित किया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को समय पर उचित नाश्ता उपलब्ध कराया जाए और उनके अच्छे स्वास्थ्य और उचित विकास के लिए बच्चों के लिए प्रतिदिन दूध की व्यवस्था की जाए।
समाज कल्याण मंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया है कि राहत शिविर में रहने वाले लोगों को मच्छरदानी प्रदान की जानी चाहिए ताकि उन्हें मच्छर जनित बीमारियों से बचाया जा सके। किसी भी प्रकार के संक्रामक रोग और त्वचा पर चकत्ते से बचने के लिए राहत शिविर की साफ-सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
आनंद ने कहा कि एक सरकार के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम आपदा से प्रभावित लोगों की मदद करें और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करें। इसलिए हम यह सुनिश्चित करते हैं कि अधिक कमरे उपलब्ध कराएं जाए और महिलाओं को अपने नाबालिग बच्चों के साथ एक स्थान पर रखा जाए। महिलाओं और पुरूषों के लिए अलग-अलग कमरों में व्यवस्था की जाए ताकि राहत शिविरों में रह रही महिलाओं की सभी प्रकार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए शिविर में 24/7 एक एम्बुलेंस तैनात की जानी चाहिए ताकि मरीजों को पास के बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया जा सके।